इस बार इतनी तेज बारिश क्यों हो रही है, क्यों होता है इतना जलभराव

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इस बार मानसून के बादलों ने इतनी बारिश बरसाई है कि मैदान से लेकर पहाड़ तक हर जगह पानी ही पानी हो गया है. देश की राजधानी दिल्ली में इतनी भारी बारिश हो रही है कि 41 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. दिल्ली में बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. दरअसल, हरियाणा ने हथिनी कुंड बैराज से प्रति सेकंड एक लाख क्यूबिक फीट पानी यमुना नदी में छोड़ा, जिससे दिल्ली में यमुना का जलस्तर 203.18 मीटर तक पहुंच गया. गौरतलब है कि दिल्ली में यमुना नदी का खतरे का निशान 204.5 मीटर है. दिल्ली के करीब पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में भी भारी बारिश हो रही है.

अगर बात करे पंजाब की तो पंजाब में मौसम ने बीते 23 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. तेज वर्षा के कारण पहाड़ी राज्यों में भी तबाही का दृश्य दिखाई दे रहा है. हर जगह जलभराव और विनाशकारी बारिश के कारण स्थिति खराब हो रही है. दिल्ली में एक दिन में 151 मिमी वर्षा दर्ज की गई है. राष्ट्रीय राजधानी में जारी येलो अलर्ट पर है इसलिए दिल्ली की सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. गुरुग्राम में भी लोगो को घर से काम करने को कहा गया है. वास्तव में,  गुरुग्राम में सिर्फ 2 घंटे में ही 149 मिमी वर्षा हो गई. इससे बड़ा जाम लगा और जलभराव की समस्या भी उत्पन्न हुई. हम जानते हैं कि इस बार इतनी अधिक वर्षा का कारण क्या है? साथ ही हम समझते हैं कि जलभराव क्यों होता है?

इस बार क्‍यों हो रही है इतनी बारिश?

मौसम विभाग ने उत्तर भारत के क्यादातर राज्यों में बुधवार तक तेज बारिश का पूर्वानुमान लगाया है. भारत में उत्तराखंड. उत्तरप्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने पंजाब और पूर्वी राजस्थान में लगातार बारिश का पूर्वानुमान किया है. मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम विक्षोभ और मानसूनी हवाओ के कारण से उत्तर-पश्चिम भारत ने रिकॉर्डतोड़ बारिश हो रही है.

क्‍यों होती है जलभराव की समस्‍या?

भारत में बारिश की वजह से रास्तो पर और घर के अन्दर पानी भर जाता है. यह तेज बारिश की वजह से भी होता है और साथ में लोगो की गलतियों की वजह से पानी भर जाता है. जलभराव के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है. सडको पर पानी भर जाने से लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ज्यादातर शहेरो में सरकार सीवेज सिस्टम के ऊपर करोडो खर्च करती है और सर्कार दावा करती है की बारिश के मौसम में जल भराव नहीं होगा लेकिन जलनिकासी की बेहद कमजोर व्यावस्था की वजह से सरकार के सारे दावे पानी में बह जाते है. लोग घर तो नया बना देते है लेकिन ड्रेनेज व्यवस्था वाही पुरानी इस्तमाल करते है इस लिए और कई लोग गटर के नाले कई ऐसी चीजे डालते है जैसे की कपडे, पोलीथिन जैसी चीजे और कूड़ा नालियों में डालते रहते है. इस से नाह गटर में आगे जा कर गटर की जालियो में फंस जाती है इस से गटर का पानी आगे नहीं जाता है और बारिश के वख्त गटर भर जाती है. 

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