केदारघाटी में स्थित हैं पांच रहस्यमयी मंदिर, सावन में दर्शन से मिलेगा महादेव का भरपूर आशीर्वाद

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सावन महिना शुरू है ऐसे में महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्त सावन सोमवार का व्रत करते है और महादेव के मंदिर में जा कर पूजा अर्चना करते है. आज हम आपको केदारघाटी में स्थित पांच ऐसे रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताएंगे जिसे सावन महीने में दर्शन करने से महादेव का आशीर्वाद मिलता है.

कालीमठ मंदिर:

कालीमठ मंदिर या श्री कालीमठ सिद्धपीठ श्री कालीमठ देवस्थान केदारनाथ, उत्तराखंड, भारत में स्थित है. यह मंदिर रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ की चोटियों में स्थित है और सरस्वती नदी के किनारे बसा हुआ है. कालीमठ मंदिर को श्री कालीमठ सिद्धपीठ के नाम से भी जाना जाता है. इसे शंकराचार्य आदिशंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया था और यह आदिशंकराचार्य के द्वारा स्थापित चार विद्यापीठों (ज्ञानपीठ, वीरपीठ, योगपीठ, शक्तिपीठ) में से एक है.

काशी विश्वनाथ मंदिर:

गुप्तकाशी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो उत्तराखंड, भारत में स्थित है. इस छोटे से कस्बे में विख्यात काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है, जो केदारनाथ धाम के मार्ग पर स्थित है. गुप्तकाशी में मणिकर्णिका कुंड भी है, जो धार्मिक महत्वपूर्णता रखता है. मान्यता है कि मणिकर्णिका कुंड में गिरने वाली दो जलधाराएं गंगा और यमुना के रूप में विराजमान होती हैं, जो इसे धार्मिक और पवित्र स्थल बनाती हैं. 

अखंड धूनी मंदिर:

यह मंदिर उत्तराखंड, भारत में स्थित है और केदारनाथ मंदिर की शैली में बना हुआ है. यह मंदिर अपनी अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है, जहां जल रही अखंड ज्योति स्थापित है. मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था और इस विवाह के समय से ही यह ज्योति अपारिवार्तनिक रूप से प्रज्वलित है. इसी कारण इसे “अखंड धूनी मंदिर” भी कहा जाता है, जहां ज्योति निरंतर जलती रहती है. त्रियुगीनारायणमंदिर के अलावा, यहां पर भगवान विष्णु की मूर्ति भी स्थापित है, जो त्रियुगीनारायण नाम से जानी जाती है.

ओंकारेश्वर मंदिर:

ओंकारेश्वर मंदिर रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड, भारत में स्थित है और इसकी अपनी अलग महिमा है. यह मंदिर ऊखीमठ में स्थित है, जो समुद्र तल से 1311 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. ओंकारेश्वर मंदिर को प्रथम केदार भगवान के रूप में माना जाता है. यह एक प्रमुख पिथ धाम है और केदारनाथ मंदिर की पवित्रता और महिमा का हिस्सा है. इसके साथ ही, ऊखीमठ में मध्यमेश्वर भगवान का शीतकालीन गद्दीस्थल भी है, जिसे पंचगद्दी स्थल के नाम से भी जाना जाता है.

तुंगनाथ मंदिर:

तुंगनाथ मंदिर यह समुद्र तल से लगभग 3,680 मीटर (12,073 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है. इस लिए यह विश्व में सबसे ऊँची जगह पर स्थिति शिव मंदिर है. यह मंदिर रुद्रप्रयाग जिले, उत्तराखंड, भारत में स्थित है और यह पौराणिक किंवदंती के मुताबिक, महाभारत युद्ध के बाद पांडव भाइयों और सगे संबंधियों के वध के बाद, वे पश्चाताप करने के लिए भगवान शिव की खोज करने के लिए हिमालय तक पहुंचे थे, उन्होंने तुंगनाथ पहाड़ पर शिव मंदिर की स्थापना की और वहां भगवान शिव ने उनकी प्रार्थना को स्वीकार किया. तुंगनाथ मंदिर का स्थान अत्यंत रोमांचकारी है, क्योंकि यह समुद्र तल से लगभग 3,680 मीटर (12,073 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है. यह मंदिर पंच केदारों का एक हिस्सा है, जिनमें केदारनाथ, मध्यमहेश्वर, तुंगनाथ, काल्पेश्वर और रुद्रनाथ शामिल हैं.

ऐसे ही धार्मिक स्थल और आध्यात्मिक बाते जानने के लिए पढ़ते रहिये FINALADVICE.IN

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