हमारे हिन्दू धर्म में भगवान सत्यनारायण की कथा का विशेष महत्व है। हिन्दू धर्म में ऐसा कोई घर नहीं होगा जिस घर भगवान सत्यनारायण की कथा न हुई हो। यह कथा किसी भी शुभ कार्य के पहले या बाद में शुभ मानी जाती है। सत्यनारायण भगवान को सत्य और नारायण के रूप में पूजा जाता है। अर्थात संसार में नारायण ही सत्य है, बाकी सब मोह है।
सत्य के बिना सारा संसार कुछ भी नहीं है। हिंदू धर्म के अनुसार शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान सत्यनारायण की कथा का फल हजारों वर्षों तक यज्ञ करने के बराबर है। ऐसा माना जाता है कि जिस किसी भी व्यत्कि जो भगवान सत्यनारायणजी की कथा करवानी हो उसे उस दिन उपवास करना चाहिए।
स्कंद पुराण के अनुसार भगवान सत्यनारायण भगवान विष्णु का ही एक स्वरुप है. जिस किसी भी घर में भगवान सत्यनारायण की कथा होती है उस घर पर भगवान विष्णु की भी कृपा बरसती है। घर में सुख-शांति बनी रहती है। कथा के दिन व्रत रखने की मान्यता है।
भगवान सत्यनारायण की कथा करने के बाद इंसान को जीवन के हर दुख से मुक्ति मिलती है। घर में नकारात्मक ऊर्जा भी प्रवेश नहीं होने देती है। साथ ही पूर्णिमा के विशेष दिन भगवान सत्यनारायण का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।
पूर्णिमा के दिन बताई गई कथा बहुत ही खास मानी जाती है। जिस घर में भगवान सत्यनारायण की कथा पूर्णिमा के दिन होती है उस घरवालो पे भगवान् की विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान सत्यनारायण की कथा का शुभ पाठ केले के पेड़ के नीचे या उसके पत्तों के नीचे किया जाता है।
क्योंकि भगवान सत्यनारायण का सबसे प्रिय धाम केले का पेड़ है। कथा प्रसाद में पंजरी, पंचामृत, केला और तुलसी के पत्ते चढ़ाने चाहिए। क्योंकि ये सभी चीजें सत्यनारायण भगवान की पसंदीदा चीजें हैं।
भगवान सत्यनारायण की कथा के बाद प्रसाद में जो शिरा (हलवा) मिलता है उसके जैसा स्वाद आपको कही और नहीं मिलेगा। सभी को यह प्रसाद बेहद पसंद है। अगर आपको भी यह प्रसाद पसंद है तो कमेन्ट में जरूर बताये। भगवान आप सभी की हरेक मनोकमना पूर्ण करे ऐसी प्रभु से प्रार्थना।