कोरोना में जवान बेटे को खो चुके माता पिता ने कन्यादान कर दोबारा बसाया बहू का घर

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कोरोना की महामारी में हम सभी ने अपने किसी नजदीकी दोस्त रिश्तेदार को खोया है। आपको जानकार हैरानी होगी के बहुत सारे ऐसे भी है जहा कोरोना के कारण सभी की मौत हो चुकी हो आज के समय में घर में से कोई भी सदस्य जिन्दा नहीं है। आज हम आपके सामने एक ऐसी ही भावुक कर देने वाली कहानी लेकर आये है जिसे पढ़कर आप सब की आँखे नम हो जाएगी।

बतादे के यह आंखे नम कर देने वाली घटना मध्यप्रदेश के धार से सामने आयी है। खबरों के अनुसार धार के प्रकाश नगर में रहने वाले युग प्रकाश तिवारी और इनकी पत्नी रागिनी तिवारी का जीवन खुशियों से भरा था। घर में दो बेटे बहू पौती सब थे। लेकिन कोरोना काल में इनकी खुशियों में ग्रहण लग गया। इनके छोटे बेटे प्रियंक तिवारी की मौत हो गयी। उसके बाद घर में रह गयी जवान विधवा बहू ऋचा और नन्ही सी पोती। हंसते खेलते परिवार की खुशियां खत्म हो गयी।

बेटे की कोरोना में मौत हो गयी थी उसके जाने के बाद घर में विधवा बहू और उसकी बेटी रह गए थे अपना दर्द भूलकर सास-ससुर ने बहू के अकेलेपन और दर्द को महसूस किया। जिंदगी की गाड़ी अकेले नहीं चल सकती इसलिए उसका नया हम सफर ढूंढा और बहू के हाथ पीले करके आशीर्वाद दिया-जा तुझको सुखी संसार मिले।

यहां रहने वाले युग प्रकाश तिवारी ने समाज के लिए ऐसी पहल की जो युगों तक मिसाल रहेगी। उन्होंने अपनी विधवा बहू का फिर से घर बसा दिया. माता पिता बनकर उसका कन्यादान किया और उसे रहने के लिए बंगला गिफ्ट किया।

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