IAS पती पत्नी ने अपने बेटे का अँगडवाडी मे करवाया नामांकन, और स्वाति भदोरिया ने अपने जीवन मे

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IAS या कहे तो UPSC पास करना इतना आसान नहीं होता इसके लिए सालो की कडी  महेनत लगती हे। यूपीएससी के सपने तो कई देखते हैं पर यूपीएससी पास वही करते हैं, जो यह सपना खुली आंखों से देखते हैं। ऐसी ही है स्वाति भदोरिया जिन्होंने आईआईटी से इंजीनियरिंग पास करके अपनी किस्मत आजमाने यूपीएससी की एग्जाम दी।हालांकि यूपीएससी की एग्जाम देना, आईएएस बनना बहुत ही मुश्किल है.

लेकिन स्वाति जी अपने इस  फैसले पर डटी रही। कड़ी मेहनत के बावजूद उन्हें शुरुआत में असफलता ही प्राप्त हुई। वह सिर्फ एक नंबर से यूपीएससी में रह गई थी। स्वाति भदोरिया का सपना पूरा हुआ। 2012 में उन्होंने यूपीएससी एग्जाम में 74 रैंक प्राप्त किया। शुरुआत में छत्तीसगढ़ कैडर से ट्रेनिंग प्राप्त की. उसके बाद डोंगरगांव और सरायपाली की एसडीएम में भी स्वाति जी रह चुकी है। उन्हें जीवन साथी भी उन्हीं के लायक मिले। 2011 के बैच के आईएएस अधिकारी नितिन भदोरिया जी से उन्होंने शादी कर ली नितिन जी उत्तराखंड बैच के आईएएस अधिकारी है। और इसके बाद उनके साथ उत्तराखंड चली गई ।यह जोड़ा कई बार चर्चा में आता है, इनकी सेवाओं के लिए, उनकी समझदारी के लिए या एक अच्छी रिलेशनशिप के लिए.

स्वाति और नितिन भदोरिया को बीटा हुआ, अब कोई भी आम माँ बाप जिनके पास पैसे की कमी नहीं से वो क्या सोचेंगे? वह सोचेंगए की वह अपने बच्चे को महंगे से महंगे स्कूल में पढाये. मगर यह जोड़े के दिमाग मे कुछ और ही चल रहा था. उन्होंने अपने बच्चे को सबसे महंगे स्कूल मे नहीं पर एक साधारण स्कूल मे दाखिला करवाया.

वह चाहे तो बड़े से बड़े महंगे कान्वेंट स्कूल मे अपने बेटे का दाखिला करवा सकती है। परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। वे चमोली की जिला अधिकारी है और वहां अपनी सेवा दे रहे हैं। उन्होंने महंगे स्कूल की जगह अपने बेटे का दाखिला आंगनबाड़ी में लेने का फैसला किया,और आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर अपने बेटे का एडमिशन करवा कर समाज में एक नई मिसाल कायम की। अब इतने बडे अधिकारी का बेटा साधारण स्कूल मे पढ सकता हे तो किसी और का भी. ऐसे आईएस ऑफिसर को हमारा सलाम है, जो सही मे आम जनता में विश्वास लाये और उनको कुच अच्छा करने को प्रेरणा दे.

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