कभी कबार कुछ जानवर इंसानों के साथ इतने गुलमिल जाते है की इंसान और जानवर के बिच बहोत ही अटूट रिश्ता बन जाता है. इंसान उस जानवर को फिर इंसान जितना ही अहेमियत देता है. ऐसा ही एक दिल भर देने वाला किस्सा आज हमारे सामने आया है. एक सांड के मरने पर गाओ वालो ने 3 हजार लोगो के भोज के साथ साथ भ्रम भोज भी किया और पूरा गाओ ऐसे रोया जैसे उनके परिवार का सदस्य जेसे उन्होंने खोया हो.
दर्हसल बात है यु पी के मुजफ्फरनगर जिल्ले के कुरड़ी गाओ की. यहाँ के लोग मृत सांड के लिए वो सब कर रहे है जो इंसान के लिए हो सके. सांड की आत्मा के लिए श्राद्ध कर्म का आयोजन भी किया गया है. अब सवाल तो बनता है की ऐसी क्या ख़ास बात थी उस सांड में.
यहाँ करीब 18 साल पहेले एक सांड इस गाव में आया था. आम तोर पर सांड बहोत ही आक्रामक होते है लेकिन ये सांड बहोत ही शांत और निर्मल था. गाँव के बच्चो के साथ भी इसकी बहोत अच्छी दोस्ती थी और लगभग सारे बच्चे इस सांड की सवारी करते थे.
इतना प्रेमी जानवर या सांड देखकर गाँव वालो ने इसका नाम बाबूजी रखा था. बाबूजी अपने समय पर गाँव में लोगो के घर घर जाते थे जहा गाँव वालो ने उनके लिए पानी और चारे की व्यवस्था पहेले से कर रखी होती थी जहा से वो खाना पानी करके निकल जाते थे और वापस अपनी जगह चले जाते थे. इतने सालो में आजतक बाबूजी ने गाँव में किसका कोई नुकसान नहीं किया था या हमला नहीं किया था.
कुछ दिन पहेले बाबूजी की तबियत कहाराब हुयी थी, गाँव वालो ने उन्हें बचने की पूरी कोशिश की लेकिन उनको नहीं बचा पाये और मौत होगई. इसके बाद गाओ वालो ने पुरे सन्मान से उनके देह को दफनाया और इंसानों की तरह तेहरवी का आयोजन किया.
इस दौरान सांड की फोटो पे लोगो ने फुल अर्चन किये और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. साथ ही भ्रम्भोज के साथ पुरे गाँव में प्रशाद बांटा गया और हम आपको बतादे की ये सारा खर्च गाँव वालो ने किया.