दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर में एक शिकायत दर्ज हुई की एक NRI के खाते से सारे पैसे निकाल लिए गए हैं। सायबर क्राइम ने जाँच की तो वो हैरान रह गए क्युकी पैसे एक मजदूर ने निकाल लिए थे। जब मांमले की पूरी जाँच हुई तो पता चला की पैसे निकलने में बैंक कर्मचारी और उसके दोस्त का हाथ था। और उन्होंने बड़ी चालाकी से 1.35 करोड़ रुआपये निकाल लिए थे।
कनिका गिरधर जोकि एक NRI हैं और जर्मनी में रहती हैं। उनका दिल्ली ओल्ड ICICI (आईसीआईसीआई ) बैंक में अकाउंट था। जिसमे से 1.35 करोड़ रुपये निकाल लिए गए थे। कनिका गिरधर ने राजेंद्र नगर थाने में बीते नवंबर में धोखाधड़ी के तहत मामला दर्ज कराया था। शिकायत में कनिकाने कहा था कि जब उन्होंने अपने खाते में रकम चेक करनी चाही तो सही पासवर्ड के अभाव में उन्हें कोई भी जानकारी नहीं मिली। तब उन्होंने बैंक से संपर्क किया तो उन्हें जानकारी मिली की उनके कहते से सरे पैसे निकला लिए गए है। वो पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिये और चेक व् एटीएम कार्ड का उपयोग गए थे। ऐसे कुल 1.35 करोड़ रुपये की निकासी की गयी थी।
साइबर क्राइम सेल ने बैंक कर्मचारी सहित 5 लोगो को गिरफ्तार किया हैं। जिन्होंने पुलिस को बताया की आखिर उन्होंने ये सब कैसे किया। 5 आरोपियोमे से एक जो बैंक कर्मचारी था उसका नाम सुमित पण्डे हैं जो की राजेंद्रनगर में ICICI बैंक में कर्मचारी थे। दरअसल कनिका का फ़ोन नंबर 3 महीने से डीएक्टिवेट हो गया था। जिसके बारे में सुमित ने अपने दोस्त शैलेन्द्र प्रताप को बताया था की कैसे इसको एक्टिवटे किया जा सकता हैं। शैलेन्द्र प्रताप ने अन्य लोगो को इसमें शामिल किया कर पैसे निकल ने की योजना बना ली।
पैसे निकलने के लिए आरोपियों ने फरीदाबाद में वर्कफोर्स इंडिया प्राइवेट नाम से फर्जी कंपनी खोली थी।जहा वो कंपनी में कई मजदूरों के काम करने संबंधी फ़र्ज़ी दस्तावेज तैयार किये गए और अपने दो सहयोगियों को वहां प्रबंधकों के रूप में नियुक्त किया। उसके बाद उन्होंने 10 मजदूरों के नाम पे अलग अलग बैंको में कहते खुलवा दिए। कनिका का जो मोबाइल नंबर बांध हो गया था वही नंबर उन्होंने फिरसे एक मजदुर के नाम पे जारी करवाया। और उस नंबर के आधार पर उन्होंने कनिकाजीके अकाउंट से जुडी ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाए ले ली।
आरोपियोंने विशाल नाम के व्यक्ति को कनिका का भाई बताकर बैंक में भेजा था और उस नंबर की सहायता से एक ATM कार्ड और चेक बुक इशू करवा ली थी। जबकि कनिका का कोई भाई या बहन नहीं हैं। उन्होंने धीरे धीरे करके सरे पैसे निकल कर मजदूरों के कहते में डालने के शुरू कर दिए।
इस धोखाघड़ी से ठगे पैसो से शैलेन्द्र प्रताप ने बाईट फेब्रुअरी में 42 लाख की प्रॉपर्टी और 1.80 लाख की बुलेट बरामद की गयी हैं उसके आलावा उनके पास से 27 लाख रुपये कॅश भी बरामद की गयी हैं। इन सभी प्रॉपटी को पुलिस ने जब्त कर लिया हियँ जिससे पीड़िता के पैसो की रिकवरी की जाएगी।