हर पिता को अपनी बेटी की शादी अच्छे से करनेका सपना होता है. जब बेटी खुशी खुशी अपने ससुराल जाती है तो हर पिता को सुकून मिलता है. हर पिता का सपना होता है कि उसकी बेटी की शादी बहुत धूमधाम से करें और अपनी बेटी को खुशी खुशी विदा करें.
ऐसा ही सपना संजोए बैठे थे, हिमाचल के कांगड़ा जिले के रानीताल के रहने वाले रामचंद्र जी. रामचंद्र जी अपनी बेटी की शादी बहुत धूमधाम से की थी. उन्होंने बीते रविवार को ही अपनी बेटी की शादी की थी. अपनी बेटी का कन्यादान भी किया था. बेटी के ससुराल जाने से वह दुखी तो हुए थे लेकिन उनके दिल में तसल्ली थी कि उनकी बेटी का घर अच्छी तरह से बस गया.
शादी के अगले दिन सोमवार को बेटी के ससुराल में कुछ कार्यक्रम रखा गया था. इसी कार्यक्रम में रामचंद्र जी और उनके परिवार के लोग भी शामिल हुए थे. शामिल होने के बाद रामचंद्र जी अपनी बेटी को आशीर्वाद देकर अपने घर लौट रहे थे.
रामचंद्र जी घर पहुंचे उससे पहले बेटी को अपने मायके से ऐसे समाचार मिले की बेटी के पैरों तले जमीन खिसक गई. दरअसल हुआ यूं कि पिता रामचंद बेटी के घर से लौट रहे थे तब उनकी कार एक चट्टान से टकरा गई और यह हादसा इतना भीषण था कि रामचंद जी और उनकी माता का देहांत घटनास्थल पर ही हो गया और अन्य तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
जब बेटी को अपने पिता और दादी के मरने की खबर मिली तो बेटी को यकीन नहीं हुआ. कुछ ही घंटों पहले तो वह अपने पिता से मिली थी. लेकिन सच को स्वीकारने के अलावा बेटी के पास कोई और रास्ता नहीं था. जिस मंडप में बेटी की शादी हुई थी. उसी मंडप में पिता और दादी के शव देखकर बेटी बहुत फूट-फूट कर रो रही थी. यह नजारा जिस किसी ने भी देखा उनकी आंखें भी नम हो गई. लोग कहने लगे कि यह कुदरत का कैसा खेल है कि जिस मंडप में बाप ने बेटी की शादी रचाई उसी मंडप में आज उनका शव रखा है.
इस घटना से बेटी को बहुत गंभीर चोट दी है. परिवार में मातम पसरा हुआ है. इलाके के सभी लोग दुखी है. और भगवान से यही पूछ रहे हैं कि यह आपकी कैसी माया है…