गांव में दूध बेचने वाली संजू देवी निकली 100 करोड़ की मालकिन, खुद को भी नहीं थी खबर, ऐसे हुआ खुलासा

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इंसान की किस्मत किस तरह पलट जाए इसके बारे में कोई नहीं जानता है और हर व्यक्ति मेहनत ही इसलिए करता है कि कभी उसे उस मेहनत का फल भी मिलेगा। मगर गांव के कुछ भोले-भाले लोगों को ज्यादा नहीं पता होता बस वे हर तरह की मेहनत के लिए तैयार रहती हैं फिर फल तो ऊपरवाला दे ही देता है। कुछ ऐसा ही हुआ एक महिला के साथ जब उसे अपनी जायदात के बारे में पता चला। तहकीकात करने पर 100 करोड़ की मालकिन निकली गांव में दूध बेचने वाली महिला, फिर इस तरह खुलासा हुआ।

राजस्थान के जयपुर से कुछ दूर एक छोटा सा गांव सीकर है, जहां सौ करोड़ की जमीन की मालिक संजू देवी मीणा खेती और पशुपालन कर अपने बच्चों को पालती है। उसे नहीं पता उसके नाम पर कीमती जमीन कहां पर है और वह तो बस इतना जानती है कि पति की मौत के बाद उसे हर महीने कोई पांच हजार रुपए घर का खर्च चलाने के लिए भेज देता था। यह पैसा भी पिछले तीन सालों से बंद कर दिया गया था।

मुंबई के हीरानंदानी ग्रुप की ‘हेजलनट कंस्ट्रक्शन’ कंपनी की करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खेल सामने आने के बाद नीमकाथाना की पहाडिय़ों के बीच दीपावास गांव की ढाणी में रहने वाली इस महिला के घर जब मीडिया पहुंची तो बेनामी संपत्ति खरीदने के इस खेल का खुलासा हुआ। संजूदेवी के नाम से जयपुर-दिल्ली हाइवे पर छह गांवों में खरीदी गई 64 बेनामी संपत्तियों को आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट ने बेनामी संपत्ति अधिनियम, साल 1988 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रोविजनल रूप से अटैच किया गया है। इन जमीनों का बाजार मूल्य करीब 100 करोड़ रुपए बताया गया है।

बेनामी निषेध यूनिट की जांच में ये बात सामने आई है कि संजू देवी के नाम जयपुर-दिल्ली हाइवे पर आमेर तहसील के कूकस, खोरामीणा, हरवर, ढन्ड, नांगल तुर्कान और राजपुर खान्या गांवों में जमीनें हैं। संजू देवी के नाम साल 2006 में खरीदी गई थी और जांच में ये भी पता चला कि कुल 36 हेक्टेयर जमीन 64 अलग अलग विक्रय पत्रों के माध्यम से संजु देवी मीणा के नाम से खरीदी गई, लेकिन इनके लिए कुल 12.93 करोड़ रुपए का भुगतान मुंबई की एक बड़ी कंपनी हेजलनट कंस्ट्रक्शन ने करवाया था।

कंपनी ने संजू देवी मीणा के नाम से ये जमीनें अपने फायदे के लिए ली थी और इसमें संजू देवी मीणा का केवल नाम का प्रयोग ही किया गया था। संजू देवी मीणा के नाम से जमीनों के विक्रय पत्र पंजीकृत करवाने से पहले मुंबई निवासी एक व्यक्ति चंद्रकांत तारानाथ मालवंकर के नाम एक पावर ऑफ एटर्नी संजू देवी मीणा से ली गई थी।

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