वो गाना तो सुना होगाना देने वाला जब भी देता देता छप्पड़ फाड् के। लेकिन कभी कभी छप्पड़ फाड् पैसो को नज़र भी लग जाती हैं। ऐसा ही हुआ दीपू नामके किसान के साथ।
पुराने समय सोने की चिड़िया हुआ करता था। राजा महराजाओं के पास खूब सोने चांदी के भंडार भरे रहते थे। समय मैं अक्सर ही सोने चंडी को ज़मीन मैं गड के रख दिया जाता था। काफी बार ऐसी घटनाये सामने आती हैं जिसमे खेत जोतते वक्त या खुदाई करते वक़्त सोने चांदी के सिक्के व् आभूषण मिले हो। ऐसा ही हुआ जब उत्तर प्रदेश के रहने वाले दीपू अपने खेत की जुताई कर रहे थे। जुताई करते वक़्त उनका पावड़ा किसी चीज़ से टकराया उन्होंने खुदाई की तो उनको वहां से सोने एवं चांदी के सिक्के मिले। वो बोहोत ही खुश होते हुए उन सिक्को को घर ले आया।
लेकिन गांव मैं बड़ी तेजी से यह बात फेल गयी की दीपू को सिक्के मिले हैं तो किसीने यह बात की हाँ पुलिस को कर दी। पुलिस को सुचना मिलते ही वो दीपू के घर पहुंच गए और सोने चांदी अपने साथ ले गयी। सिक्को की गिनती की गयी तो उसमें से १६ सिक्के सोने और दो सिक्के चांदी के थे। दीपू ने पुलिस को बताया और अब पुलिस वो सिक्के पुरातत्व विभाग को सौंपना चाहती हैं ताकि उसकी पूर्ण रूप से जाँच हो और वो अपनी धरोहरका हिस्सा बने रहे।
जिस जगह से सिक्के मिले थे वो खेत पूरी पुलिसने अपने कब्ज़े मैं लिया हैं ताकि पुरे खेत की खुदाई हो सके और देखा जा सके की वहां कोई और अवशेष सिक्के मिलते है या नहीं।