किसानों पर पड़ी महँगाई की दोहरी मार, महँगे डीजल के बाद एनपीके खाद के भी बढ़े दाम

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देश में आये दिन किसी न किसी जीवन जरुरी चीजों के दाम बढ़ते रहते है। ऐसे में किसानो को लेके सरकार की और से बुरी खबर आ रही है। इस साल बारिश के कारण ज्यादातर फसलों को नुकसान पहोचा है इसके दर्द से तो अभी किसान उभरे नहीं थे के सरकार ने फैसला किया है के एनपीके खाद 265 रुपये प्रति बोरी महँगी हो गयी है। आपको बतादे के नये रेट के अनुसार 50 किलोग्राम एनपीके जो 1175 रूपये में मिलती थी अब नयी कीमतों के मुताबिक 1440 रूपये प्रति बोरी मिलेगी।

एक तरफ देखा जाए तो किसानो के लिए यह साल अभी तक अच्छा नहीं रहा है। एक तरफ तो किसानो को उनकी फसलों के तो अच्छे दाम नहीं मिल रहे है और ऊपर से एनपीके खाद में प्रति बोरी 265 रूपये बढ़ाके उनकी कमर तोड़ने का काम किया है। फ़िलहाल जिस बोरी पर पुरानी कीमत की प्रिंट होगी वह बोरी पपुरानी कीमत पर ही मिलेगी।

कृषि लागत में निरंतर हो रही बढ़ोतरी से सरकार द्वारा निर्धारित MSP पर भी खरीदारी की जाये तब भी किसान को फायदा नहीं है। सरकार में जिस तरह से कृषि लागत बढ़ी है गेहूँ, धान, तिलहन, दलहन सभी की MSP मौजूदा MSP से दोगुनी होनी चाहिए। 100 रुपये डीजल, 1440 रुपये प्रति बोरी खाद, मजदूरी, परिवहन और बीज आदि सभी को जोड़ लें तो धान और गेहूँ की MSP कम से कम 4000 रुपये प्रति क्विंटल से कम नहीं होनी चाहिए।

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