एक पैन कार्ड की वजह से रिक्शावाला बन गया करोडपति, सपंति जान इनकम टेक्स ने थमाया नोटिस

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पैन कार्ड यानि परमेनन्ट अकाउंट नंबर, हर टेक्स पेयर के लिए पैन कार्ड एक बोहत ही जरुरी डॉक्यूमेंट हे. पैन कार्ड की वजह से पैसे की लेन देन, इनकम, टेक्स, वगेरा कैलकुलेट करना आसान रहेता हे. आपके अलग अलग बैंक मे अकाउंट हो सकते हे पर सभी बैंक मे आपका पैन कार्ड एक ही रहेगा. अगर आप एक से ज्यादा पैन कार्ड उपयोग मे लेते हो तो वो भी गलत हे.

क्या आपका पैन कार्ड सेफ है? उसका सही यूज़ हो रहा है या नहीं यह आपकी जानकारी में है? पान कार्ड से संबंधित आज हम एक किस्से पर रोशनी डालेंगे।जहां पूरी जानकारी ना होने पर एक रिक्शा चालक को करोड़ों रुपए का भुगतान करने का नोटिस मिला. मथुरा में एक रिक्शा चालक को इनकम टेक्स विभाग ने 3.47 करोड का भुगतान का नोटिस भेजा है। इनकम टैक्स भी सोच में पड गया कि एक रिक्शा चालक को इतना बडा टैक्स का नोटिस कैसे गया।

रिक्शा चालक भी हैरान हो गया था। नोटिस मिलने के बाद रिक्शा चालक ने पुलिस स्टेशन जाकर एफ आई आर भी कराया। बालक पुर की अमर कॉलोनी के प्रताप सिंह ने राजमार्ग थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई और कहा कि उनके पैन कार्ड का गलत यूज़ हुआ है, और ठगे जाने का भी दावा कर रहे हैं। आयकर विभाग ने उनको नोटिस भेजा है। थाना इंचार्ज  ने कहा कि ऐसी शिकायत के आधार पर ऐसा मामला दर्ज नहीं कर सकते। लेकिन पुलिस इस पर कार्यवाही जरूर करेगा और इसके पीछे कौन है उसका वह पता लगाकर ही रहेंगे।

प्रताप सिंह ने जन सुविधा केंद्र में पैन कार्ड के लिए बहुत टाइम पहले ही अप्लाई कर दिया था। क्योंकि उनको पैन कार्ड बैंक में जमा करवाना था। केंद्र संचालक ने कहा कि उनका पेनकार्ड उसी महीने में आ जाएगा, लेकिन आया नहीं। रिकॉर्ड चेक करने पर पता चला कि कुरियर कंपनी ने यह पैन कार्ड संजय सिंह नाम के किसी साइबर कैफे के एक इंसान को दे दिया था, सर्विस के नियम के अनुसार पैन कार्ड किसके नाम पर रजिस्टर है उसी को दिया जाता है। लेकिन प्रताप सिंह को दिया गया नहीं। उसके बाद उन्होंने बहुत चक्कर काटे तब पैन कार्ड की कलर प्रिंट उनको थमा दी गई। रिक्शा चालक को बिल्कुल ही अंदाजा नहीं था कि उनके पैन कार्ड के नाम पर करोड़ों रुपए का व्यवसाय चल रहा है।

जिन लोगों ने उनका पैन कार्ड लिया था, उनहोंने उसके नाम से जीएसटी नंबर भी रजिस्टर करवा दिया। और करीब 1 साल के 43.44 करोड़ रुपए का टर्नओवर साल 2018-19 मैं किया था। इनकम टैक्स और जीएसटी के बीच में एक एमओयू के कारण दोनों विभाग एक दूसरे का डाटा शेयर करते हैं। इस डाटा से पता चला कि इनकम टैक्स के प्रोजेक्ट इंसाइट के सॉफ्टवेयर को यह केस थोड़ा सा संदिग्ध लगा। इसमें टर्नओवर की रकम बड़ी मात्रा में थी, लेकिन रिटर्न दाखिल नहीं किया था। 2020 फरवरी को पैन कार्ड होल्डर को नोटिस भेजा गया।

रिक्शा चालक को इतना इनकम टैक्स भरना पड़ेगा इसकी उम्मीद नहीं थी, और उसको देखकर वह परेशान हो गए थे। प्रताप सिंह नोटिस की कॉपी लेकर इनकम टैक्स विभाग पहुंचे और अधिकारियों से बात की तब उन्होंने कहा कि आप अगर इनकम टैक्स नहीं भरोगे तो आप पर कार्यवाही की जाएगी। आप इस पर एफ आई आर भी दर्ज करवा सकते हो। इसके बाद उन्होंने थाना हाईवे जाके पैन कार्ड फ्रॉड की शिकायत करवाई।

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