भारतीय रुपयों की नोट्स एक वैलिडिटी के साथ आती हैं। वह एक ही दिन मैं कही हाथो से होकर गुज़रती हैं और इसीलिए वो समय से साथ जिसके ख़राब हो जाती हैं। इसके आलावा जो भी नोट्स हमारे पास कटे फाटे होते हैं या किसी तरह से ख़राब हो जाते हैं वो हम बैंक्स में जमा करवा देते हैं। क्या आप जानते हैं की ये सारे ख़राब हुए नोट्स अंत में RBI के पास जाते हैं। और वो कैसे उसका उपयोग करते हैं ?
चलिए हम आपको बतादे की RBI नोट्स छापते वक़्त ही उसकी लाइफ का अनदाजा लगा लेते हैं। ये नोट ख़राब होती हैं तब RBI उन्हें अपने पास ही रख लेती हैं। जो की विविध बैंको से आयी होती हैं। RBI इन नोटों को टुकड़े करके रीसायकल करता हैं। हम आपको बतादे की ये सभी नोटों को पहले जलाया जाता था लेकिन एनवायरनमेंट इफ़ेक्ट को ध्यान में रखते हुए RBI अब इन नोटों को रीसायकल करती हैं। इन सभी रीसायकल मटेरियल से कागज के प्रोडक्ट्स बनाये जाते हैं और उन्हें बाज़ारो में बेचा जाता हैं।
आपको बतादे की RBI भारत सर्कार की अनुमति लेकर ही नोट्स व् सिक्के छापता हैं। भारत में नोट्स छपने के सभी अधिकार RBI के पास हैं। केवल 1 रुपये के नोट को छोड़कर। भारत में 1 रुपये का नोट भारत सरकार छपती हैं और इसीलिए उसपे कभी भी गवर्नर के हस्ताक्सर नहीं देखने को मिलते। आपको बतादे की भारत में नोटों की संख्या हमारी सर्कार के पास रखे हुए गोल्ड रेसर्व और कॅश रिज़र्व के अनुपात में ही छापे जाते हैं।