हिन्दू संस्कृति में श्राद्ध को विशेष महत्व दिया गया है| श्राध का समय हमारे पितरो को याद करने का होता है| जब हमारे माता पिता अपना देह त्याग कर चले जाते है तब उनकी आत्मा के सन्ति के लिए श्राध के समय उनकी आत्मा को शान्ति मिले इसी प्राथना कर कर श्राध की पूजा करी जाते है| पितृ पक्ष को बहोत महत्व दिया गया है| श्राद्ध का अर्थ श्रध्दा पूर्वक होता है|
पितृ पक्ष का वर्णन पुरानो मेभी किया गया है| एसा मन जाता है की मृत्युलोक के देवता यमराज, पितृ पक्ष में आत्माओ को मुक्त कर देते है जिससे वह अपने परिजनों के यहाँ जा कर तर्पण ग्रहण कर शके| अगर किसीको पितृ दोष है तो पितृ पक्ष में तर्पण करनेसे पितृ दोष दूर होता है| कुंडली में पितृ दोष होने से कई सारी परेशानियो का सामना करना पड़ता है| इसे शास्त्रों में अशुभ देने वाला शोध भी कहा गया है| जिस जातक को यह दोष है उसको मान सनमान नहीं मिलता है और उसके काम मेभी अडचने आती रहती है| शारीरिक रोग भी होते है और जमा कीया गया धन भी नष्ट होता है|
महत्व: पितृ पाश में श्राद्ध करनेसे आपके जीवन में रही सभी परेशानिया दूर होती है| आपके परिजनों की आत्मा को शांति मिलती है| इस समय के दोरान अपने पितृ को याद करनेसे पितृ प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहता है|
इस साल पितृ पक्ष कब से शुरू हो रहा है? : इस साल पितृ पक्ष 20 सितम्बर 2021, सोमवार से सुरु हो रहा है| भाद्रमास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृ पक्ष शुरू होता है| 6 अक्तूबर 2021 को इसका समापन होता है| इस दिन बुधवार है| आश्विन मॉस की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को इसका समापन होगा| इस साल 26 सितम्बर 2021 को श्राद्ध की तिथि नहीं है| जिसका आप ध्यान रखे|
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