Petrol-Diesel Price : टंकिया फूल करवा लेना क्योकि 16 मार्च से पहले 12 रुपये बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, तेल कंपनियों को हो रहा नुकसान
एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो महीनों में वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने सरकारी स्वामित्व वाली खुदरा तेल कंपनियों को मुश्किल में डाल दिया है।रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी है। हालांकि, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण भारतीय बाजार में चार महीने से पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले दो महीनों में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी ने सरकारी स्वामित्व वाली खुदरा तेल कंपनियों को कड़ी टक्कर दी है। घरेलू तेल कंपनियों को लागत को कवर करने के लिए 16 मार्च, 2022 को या उससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमत में केवल 12 रुपये की वृद्धि करनी होगी।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि अगर लाभ जोड़े जाते हैं तो उन्हें कीमत में 15 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करनी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चे तेल का आयात करती है। इसलिए घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमत कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों से प्रभावित होती है।
दिवाली के बाद घरेलू बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने से खुदरा तेल कंपनियों का शुद्ध लाभ 3 मार्च 2022 तक शून्य से नीचे 4.29 रुपये प्रति लीटर हो गया। अगर पेट्रोल-डीजल की कीमत नहीं बढ़ाई गई तो मौजूदा वैश्विक कीमतों पर इन कंपनियों का शुद्ध लाभ 16 मार्च तक 10 रुपये और 1 अप्रैल 2022 तक 12.6 रुपये प्रति लीटर से नीचे पहुंच सकता है।