99% हिन्दू भी शिवलिंग में लिंग का अर्थ गुप्तंग समझते हैं, .. लेकिन शिवलिंग का असली अर्थ यह है ..

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क्या आप जानते है भगवान शिव के शिवलिंग रूप की पूजा क्यों की जाती है ? और अगर आपको भी शिवलिंग के सही मतलब क्या होता है नहीं मालूम है तो आज हम आपको शिवलिंग की पूजा का रहस्य और उसका असली अर्थ बताने वाले है।

भगवान महादेव, को देवाधि देव भी कहा जाता है।हम सब जानते है के शिव ही सत्य हैंऔर शिव आदि और अनंत के देवता हैं, शिव का न कोई रूप है और न ही आकार, अर्थात शिव निराकार हैं। शिव हर जगह पर हे ,शिव इस ब्रह्मांड के कण-कण में बसे हुए हैं। इसलिए शिवलिंग के रूप में भगवान शिव के निराकार स्वरूप की पूजा की जाती है। लेकिन बहुत से हमारे हिन्दू भाईओ और बहेनो को भी शिवलिंग का असली अर्थ नहीं मालूम हैं।

इसलिए आज हम आपको शिवलिंग का सही अर्थ बताने जा रहे हैं ताकि आप भी जान सकें कि असल में शिवलिंग क्या है? शिवलिंग क्या दर्शाता है, शिवलिंग क्यों है और शिवलिंग की पूजा क्यों की जाती है। आपको बतादे के शिवलिंग एक संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है और संस्कृत भाषा का कम ज्ञान होने के कारण कुछ अज्ञानी लोग शिवलिंग का गलत अर्थ निकालकर शिवलिंग का मजाक बनाते है।

संस्कृत भाषा से लिए गए शिवलिंग शब्द में लिंग का असली मतलब प्रतीक है, अर्थात शिवलिंग शिव का प्रतीक है और हम शिव के इस प्रतीक की पूजा करते हैं! जैसा कि हम सब जानते हैं कि भगवान शिव इस पूरे ब्रह्मांड में हर जगह हैं, इसलिए शिवलिंग की पूजा करने का अर्थ है इस पूरे ब्रह्मांड की पूजा करना।आपने महादेव् के मंदिर में अलग अलग प्रकार के शिवलिंग देखे होंगे, कुछ शिवलिंग स्वयम प्रकट हुए हैं और कुछ को मनुष्यों द्वारा बनाए गए हैं।

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