रक्षा बंधन के मौके पर बाजार में नए-नए फैंसी डिजाइन और रंग-बिरंगी लाइटें वाली राखिया मिलती हैं। लेकिन गांधीनगर में, बच्चों के पसंदीदा कार्टून चरित्रों के साथ-साथ एलईडी रोशनी वाली राखिया परेशानी का कारण बनने का एक ताजा उदाहरण है। गांधीनगर में रहने वाले जुड़वां भाइयों और बहनों ने रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया। फिर दो जुड़वां भाइयो को एक ही प्रकार की एलईडी लाइट वाली राखी उनकी बहन ने बाँधी।जुड़वाँ भाई-बहन दिन भर मौज-मस्ती कर रहे थे। तभी तीन साल के एक बच्चे ने राखी खेलते खेलते एलईडी लाइट का एक बटन सेल खुद की ही नाक में फेंक दिया। जिसे उसने निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन बटन की सेल अंदर तक घुस गई।
गांधीनगर में तीन साल के बच्चे को एलईडी राखी बांधने ने कारण पुरे परिवार में हड़कंप मच गया था। किसी कारण से, बच्चे ने खेलते खेलते दौरान अपनी नाक में एक एलईडी ग्रे बटन सेल फेंक दिया और बटन का सेल नाक की बहुत अंदर तक चला गया था उसकी वजह बच्चे का दम घोंटने लगा , जिससे सेल को हटाने के लिए बच्चे की नाक पर तत्काल सर्जरी करनी पड़ी।
परिवार को अचानक पता चला कि बच्चा रो रहा था क्योंकि बटन सेल उसकी नाक में फंस गई थी और उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। माता पिता रात को उसे गांधीनगर सिविल अस्पताल ले गए। जहां उनकी एक्स-रे रिपोर्टिंग में उनके नाक में एक बटन सेल फंसा होने का पता चला।
परिवार के सदस्य देर रात गांधीनगर के हाई-टेक अस्पताल पहुंचे, जब उन्हें जवाब मिला कि अगले दिन सिविल में उनका ऑपरेशन संभव होगा। जहां ईएनटी सर्जन डॉ. देवी गज्जर ने उसकी जाँच की और तुरंत ऑपरेशन करने का फैसला किया क्योंकि बच्चे की नाक से भी खून बह रहा था। और देर रात बच्चे को बेहोश कर एक जटिल ऑपरेशन कर बटन सेल को हटाकर बच्चे को नई जिंदगि दीं।