हल ही मे वाराणसी के काशीविश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया. साथ ही अयोध्या मैं भव्य राम मंदिर की नींव रखी गई है. उसी दिशा में तेलंगाना ने भी श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया हे. 28 मार्च को इसका लोकार्पण हुआ. पुनर्निर्माण के चलते मंदिर मे श्रद्धालुयो के लिए बंध किया गया था, 6 महीने स या कहे तो ओक्टम्बर से इस मंदिर में पुनर्निर्माण का काम शुरू था केसीआर के आध्यात्मिक गुरु किन्ना स्वामी ने पुननिर्मित इस मंदिर को फिर से खोलने का मुहरत तय किया था. 28 मार्च को इस मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. २८ मार्च के सोमवार के दिन भव्य यज्ञ किया गया था जिसमें मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव भी शामिल हुए थे
आपको बता दें कि इस मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए करीब ₹1800 करोड का खर्च किया गया है. इस मंदिर के पुनर्निर्माण का काम खुद मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव देख रहे थे, चंद्रशेखर राव ने बताया कि इस मंदिर का पुनः निर्माण उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था. लोकार्पण और पुनःनिर्माण के बाद भव्य यग्न रखा गया है. इसके लिए 100 एकड़ की यज्ञ वाटिका बनाई गई है जिसमें 1048 यज्ञ कुंडा के साथ महायज्ञ किया गया. चीफ मिनिस्टर केसीआर अपनी पूरी फैमिली के साथ यहां पर मौजूद रहे. वैदिक तरीके से इसका इनॉग्रेशन अगले 7 दिनों तक चलता र यानी आने वाले 7 दिनों में पूजा पाठ चलती रहेगी आपको बता दें कि श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर 250000 टन ब्लैक ग्रेनाइट से बना हुआ है, जो एक विश्व रिकॉर्ड हे.
यह मंदिर अपने आप में भव्य हे और इसकी विशालता का एहसास दिलाता है. आपको बता दें कि यह मंदिर हैदराबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर है।मंदिर परिसर तकरीबन 15 एकड़ में फैला हुआ है आपको बता दें कि पूरे मंदिर टाउनशिप परियोजना 2500 एकड़ में फैली हुई है. किसने पुनर्निर्माण में ही 1800 करोड तक का खर्च किया गया है. इसमें इस्तेमाल किया गया ब्लैक ग्रेनाइट आंध्र प्रदेश से लाया गया हे.
यह मंदिर द्रविडियन काकटिया बना हुआ है. मंदिर में प्रहलादा खंड सोने से बना हुआ है यह मूर्ति भक्त प्रहलाद को दर्शाती है. यह दुनिया का एकमात्र सबसे बड़ा मंदिर है सिर्फ पत्थर से बना हो. वही मंदीर का स्तम्भ एक ही पत्थर से बना हे और सीमेंट का उपयोग नहीं किया हे. मंदिर मे हजारों लाखों की संख्या में भक्तगण दर्शन को आ सकते हे ऐसे मे इसके लिए भी तैयारियां शरू कर दी गई हे.
आपको बता दें कि मंदिर के लोकार्पण के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और गवर्नर तथा हिंदू धर्म के सभी संप्रदायों के संतो को यज्ञ में आमंत्रित करने की योजना थी. मगर महामारी के चलते ऐसा नहीं किया गया माना जाता है कि इसमें कुछ मुख्य वीआईपी मेहमानों को ही बुलाया जाएगा। हैदराबाद मे स्थित एमएनसी मेघा इंजीनियरिंग ने इस मंदिर को 6 किलो सोना दान देने की घोषणा की है, वही एक फार्मा कंपनी के मालिक ने भी 5 किलो सोना दान देने की घोषणा की गई है. मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है.