हमारे देश में अब भ्र्ष्टाचार धीरे धीरे कम होने लगा है। लेकिन देश में आज भी कुछ ऐसे कर्मचारी मौजूद है जिन्होंने शर्म की सारी हदे पार कर दी है। ऐसे लोग काली कमाई से ढेर सारा सोना और प्रॉपर्टी खरीदते है और ऐशोआराम की जिंदगी जीते है। लेकिन ऐसे अधिकारियो की अब खेर नहीं। क्योकि देश में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ऐसे भ्र्ष्ट कर्मचारियों पर नजर रखती है और उनको सबूत मिल जाता है तो ऐसे अधिकारियो के घर छापा मारते है।
एक ऐसा ही किस्सा भी ओडिसा से सामने आया है। बतादे के सरकारी इंजीनियर आशीष कुमार दास की सुचना विजिलेंस की टीम को मिली। उसके बाद आशीष कुमार दास विजिलेंस की रडार में आये गये। विजिलेंस की टीम ने अखिलेश की काली कमाई के बारें में पता लगाना शुरू कर दिया। चार दिन बाद ही विजिलेंस ने दास से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की जिसमें भारी मात्रा में नकदी के अलावा गहने व अन्य कीमती सामान भी बरामद हुए हैं।
बतादे के ओडिशा की विजिलेंस टीम ने आजतक इतनी बड़ी कामयाब रेड नहीं की है। इस छापे में नकदी 1.36 करोड़ रुपये जप्त किये गए है जो ओडिशा विजिलेंस के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी कैश रिकवरी है। इस भारी-भरकम कैश के अलावा विजिलेंस के हाथ 1.2 किलो सोना भी मिला है। विजिलेंस के अधिकारियों को एफडी, सेविंग और इंश्योरेंस डिपॉजिट भी मिले हैं, जिनकी वैल्यू करीब 4 करोड़ रुपये है।
अधिकारियों को एक्सिस बैंक के 12 बैंक खातों का भी पता चला, जो परिजनों के नाम पर खोल गए हैं लेकिन उन्हें दास ही ऑपरेट करता था। इन खातों में 2.25 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। इतना ही नहीं दास ने अपनी पत्नी के नाम पर कटक स्थित शांतिवन सोसायटी में अपनी पत्नी के नाम पर एक अपार्टमेंट भी खरीदा था, जिसकी वैल्यू 32.30 लाख रुपये है।