शाही परिवार में हजारो करोड की पुश्तैनी संपत्ति को लेकर विवाद, पिता की वसीयत के खिलाफ कोर्ट गई बेटी!

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1947 मे राजवी परिवारों का विलीनीकरण करके भारत देश की स्थापना हुई थी. राजवी परिवारो ने अपनी हजारो करोड की संपत्ति जनता को और सरकार को दान मे दी थी. जिनमे आज के महानगरो मे बने सरकारी दफ्तरो को देख सकते हे. मगर फिर भी कुछ ऐसे राजवी भी थे जिनके पास अखुट सम्पति का भंडार था. ऐसा ही एक सही परिवार यानि की गुजरात का राजकोट। मगर शाही परिवार इस समय विरासत में मिली संपत्ति को लेकर विवाद में फंसा हुआ है।

आज हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि शाही परिवार के पास कितनी संपत्ति है। इस शाही परिवार की संपत्ति का आकलन करना मुश्किल हे क्यों की राजवी परिवारों के पास ऐसी कही एंटीक चीजे हे जिनकी वैल्यूएशन करोडो मे हे। राजकोट के अकेले महल की कीमत करीब 500 करोड़ रुपये के आसपास बताई जाती है। इसके अलावा परिवार के पास कीमती खजाने भी हैं.

राजवी मनोहर सिंह जडेजा कांग्रेस से पांच बार विधायक रहे थे और राज्य के वित्त मंत्री भी रहे थे। उनका 2018 में निधन हो गया था जिसके बाद राजकोट राज्य में संपत्ति विवाद सामने आया है। परिवार के पास करोडो रुपये की जिनिंग फैक्ट्री है. इसके अलावा हीरे के आभूषण, हथियार, विंटेज कार, एंटीक और हंटिंग ट्राफिया, विदेशी जुमर, कारपेट, पेंटिंग्स जैसी कही बेशकीमती चीजों से पैलेस भरा हुआ हे.

इसके अलावा शाही परिवार के पास हीरे के गहने, कई जमीनें, कही विंटेज कारें, चांदी की बग्गी, प्राचीन हथियार और फर्नीचर, पुराने गहने-गहने, कई मंदिर और ट्रस्ट भी हैं। जिनकी कीमत भी करोड़ों मे है.  दिवंगत मनोहर सिंह जी की विरासत का दावा न्यायालय में दायर किया गया है। उन्होंने जल विद्युत संयंत्रों और जैविक ईंधन के के कारोबार मे भी करोडो का निवेश किया है।

17वें राजा मांधाता सिंह जडेजा की बहन अम्बालिका देवी ने अपने पिता मनोहर सिंह जडेजा की वसीयत के खिलाफ मुकदमा दायर किया है की उनको  सिर्फ १.५ करोड रुपये दिए गए हे. जबकि उनके पिता उनके पीछे करोडो की संपत्ति छोड के गए हे. अभी देखना रहा हे यह विवाद और कितना गहराता हे.

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