मसालों की दुनिया के बादशाह यानि MDH वाले दादा जी की संपत्ति देख के चौक जाओगे! 97 की उम्र मे लिए आखरी स्वास

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MDH वाले दादाजी से जाने वाले MDH के मालिक का नाम धर्मपाल गुलाटी हे। आपको बतादे की उनका जन्म 1919 मे पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। उनके पिता जी की मसलो की दुकान थी जो दिग्गी मिर्च वाले मसलो से जानी जाती थी। उस वक्त उनकी कही मसलो की छोटी मोटी दुकाने हुआ करती थी मगर पार्टिशन के वक्त उनको सब कुछ छोड के भारत आना पडा। उन्होने देलही आके तांगा खरीदा जिसे चलाके वह अपना गुजरान कर रहे थे.

टांगा चलाके जो पैसा बचाया उसमे से उन्होंने कारोल बाघ में एक छोटी सी मसालों की दुकान खोली जिसका नाम उन्होने अपनी पिता जी की दुकान पे ही रखा यानि महाशियन दी हट्टी ऑफ सिआलकोट। देखते देखते उनकी दुकान दिन दुगना तो रात चौगुना की दर पे धंधा बढ़ता गया एक के बाद एक दुकान बढ़ाते गए और देखते ही देखते दिल्ली में मसलो का बडा कारोबार खडा कर दिया।

धर्मपाल जी ने 1965 मे MDH को रजिस्टर करवाया और धीरे धीरे यह मसाले देश के अलग अलग होटल रेस्तरांत और फिर घर घर तक पोहच गए। आज MDH के पास 924 करोड का रेवन्यू और 2000 करोड की ऑपरेशनल मनी हे। धर्मपाल जी को पुरे इंडिया मे कंस्यूमर सेक्टर में सब से ज्यादा तनख्वा लेने वाले CEO थे। उनकी सालाना तनख्वा २१ करोड थी। माना जाता हे की धर्मपाल जी की कुल सम्पति 220 करोड रुपये के आसपास थी. उनके पास आलीशान बंगलो के साथ साथ कही महंगी गाडिया भी थी.

गुलाटी जी सेवाकार्य मे भी हमेशा आगे रहे हे, उन्होंने 20 से अधिक स्कूल मे पैसे डोनेट किये हुए है, जिसमे कन्या विध्यालय से लेके शिशु विध्यालय और सेकेंडरी स्कूल भी शामिल हे. आपदा हो या समाज सेवा या फिर दान पुण्य के कार्यों में काफी पैसा देते थे। उनके पिता के नाम पे वह ट्रस्ट भी चलते थे जिसका नाम महाशय चुनीलाल चैरिटेबल ट्रस्ट हे जहा गरीब परिवारों को मुफ्त में इलाज मिलता है. उनको भारत सरकार के द्वारा पद्म भूषण से सन्मानित किया गया था. 3 दिसम्बर 2020 को 97 की उम्र मे उनका अवसान हुआ.

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