LIC IPO: आईपीओ लाने से पहले LIC ने लिया बडा निर्णय, जाने क्या हे आगे की रणनीति

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सार्वजनिक क्षेत्र कि जानी मानी कंपनी LIC आने वाले महीनो मे अपना IPO लेके आ रही है। आईपीओ से पहले LIC यानी की भारतीय बीमा निगम ने वितिय वर्ष के रिपोर्ट के साथ बडा निर्णय लिया है। LIC को मिलने वाले पैसे से वह कर्ज दिया करते हे। LIC का वर्ष 2019-20 मे 36000 करोड रूपए के आसपास का NPA हे। NPA यानी non preforming assets। यानी की यह राशी LIC ki प्रॉफिट मेकिंग नही है, जहा से LIC को कोई प्रॉफिट नहीं हो रहा हे।

एलआईसी ने बताया कि उन्होंने अपने NPA के लिए वित्तीय प्रावधान किए हैं। एलआईसी देश की सबसे बडी बीमा कंपनी हे, LIC का NPA 7.78% है। एलआईसी का पिछले साल का एनपीए 36,694.20 करोड़ रुपये था और उसका कुल कर्ज 4,49,364.87 करोड़ रुपये था।

LIC का कुल कर्ज 4,49,364.87 करोड़ रुपये के आसपास था। बीमा कंपनियों के लिए ऋण सिमा बैंकों से थोडी अलग रहती है। LIC ज्यादातर NPA का पूरा प्रावधान करता रहा है। एलआईसी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार उनको जहां भी जरूरी लगा है वहां पर वित्तीय प्रावधान कर लिए गए हे.

LIC आने वाले कुछ महीनों में अपना आईपीओ लेके आ सकती हे. मिलती खबरो के अनुसार सरकार एलआईसी में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी रखेंगे जिसे पांच वर्षों तक अपने पास रखेगी और उसके बाद हिसेदारी मे कमी ले जाएगी जिसे 75 से न्यूनतम 51 प्रतिशत पर लाया जायेगा.

एलआईसी की शेयर पूंजी 25,000 करोड़ रुपये के आसपास रहेगी, जिसे 10 रुपये मूल्य के 2,500 करोड़ शेयरों के रूप में बांटा जाएगा। आईपीओ और बाजार में लिस्टिंग के बाद LIC का मूल्यांकन भी बढेगा। भविष्य में LIC का मूल्यांकन करीब 8-10 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

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