हमारे स्कुल के दिनों में हम सभी ने टीचर के हाथ की मार या डाट तो जरूर तौर पर खाई होगी। चाहे वो मस्ती करना हो स्कुल लेट पहुंचना हो या फिर लड़ाई झगड़ा किसी न किसी कारण से हम सभी ने कुछ न कुछ तो सजा काटी होगी। लेकिन कई बार टीचर उदाहरण पेश करने के लिए कठोर सजा दे देते है , जिसे कुछ छात्र कर नही पाते है।
कुछ ऐसा ही ओडिशा में हुआ है। बतादे के ओडिशा के पटनागढ़ क्षेत्र में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यह हैरान कर देने वाला मामला पटनागढ़ के सरकारी स्कूल का है। स्कूल की सात छात्राओं को शिक्षक ने ऐसी सजा दी कि वे एक के बाद एक बेहोश होती गईं। हालांकि, छात्राओं को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां अब उनकी हालत स्थिर है।
खबरों के मुताबिक सोमवार के दिन स्कुल खुला था। हररोज की तरह सभी छात्र प्राथर्ना खंड में प्राथर्ना करने के बाद अपने अपने क्लास में जा रहे थे। तो इसी बिच स्कुल के एक टीचर ने सभी बच्चो को अपने अपने क्लास में जाने दिया सिर्फ 7 छात्रों को प्राथर्ना खंड के बहार ही रोक दिया गया।
प्राथर्ना खंड के बहार रोकी गई 7 छात्रों को टीचर ने 100 – 100 उठक बैठक करने को कहा। टीचर ने इन छात्रों को उठक बैठक करने की सजा इस लिए सुनाई क्योकि वह सभी छात्र प्राथर्ना खंड में देरी से आये थे। टीचर का कहना मानकर सभी छात्रों ने उठक बैठक तो शुरू कर दी।
अभी उन्होंने गिनती के उठक-बैठक किए ही थे कि एक लड़की बेहोश हो कर जमीन गिर गई। अभी शिक्षक और स्कूल प्रबंधन कुछ समझ पातै, उससे पहले ही एक और लड़की बेहोश हो कर गिर पड़ी। फिर क्या था, एक के बाद एक सभी सातों छात्राओं को बेहोश होता देख सभी के हाथ-पांव फूल गए। स्कूल में हड़कंप मच गया। सभी छात्राओं को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। यहां इलाज के बाद छात्राओं की हालत फिलहाल ठीक है।