रेलवे स्टेशन पर भीख मांग रही थी एक बूढी औरत, एक वक्त पे रही थी स्कूल टीचर, विधार्थियो को जब इस बात का पता चला तो ऐसे बदल दी उनकी जिंदगी।

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आज हम आपके सामने ऐसा क़िस्सा लेके आये हे जो बदल ते हालत और इंसानियत का बेजोड़ नमूना हे। यह कहानी आज से कुच समय पहेले की हे जब रेलवे स्टेशन की भीड़ को चीरते हुए एक महिला बहुत जल्दबाजी में आगे बढ़ रही थी. तभी उसको एहसास हुआ एक भिखारिन बेठी हुई हे, उसको लगा जैसे उसने कभी उसको देखा हे और उसके परिस्थिति पर उसकी एक नजर गई। अचानक से वो पीछे मुड़ी और उसको एक बार ध्यान से देखा। देखने पर उसको लगा कि यह कहीं जाना पहचाना सा चेहरा है। उसने बहुत सहजता से उस भिखारिन को यह बोला कि आप अपना नाम बताएं. नाम सुनते ही वह महिला जोर जोर से रोने लगी।

यह और कोई नही बल्कि उनकी मैथ्स टीचर थी जो हजारों विद्यार्थियों की एक प्रेरणा स्त्रोत थी. यह जान कर वह महिला गमगीन हो गई। उससे रहा नहीं गया वह भिख माँगने वाली, लाचार हालात वाली औरत यानी उसकी टीचर को अपने घर लेकर गई. उनको स्नान करवाया, नये कपड़े पहनाये और उनको पूछा कि आप की यह हालत कैसे हैं? उनकी बात सुनकर वह महिला का दिल बैठ गया. मैथ टीचर बोली पति की मृत्यु के बाद उसके तीन बच्चों ने उसको स्वीकारने से मना कर दिया एक समय की रोटी भी देने के लिए वह लोग तैयार नहीं थे। उनका मकान वह तीनों बच्चों ने बेच कर उसका पैसा आपस में बांट लिया। अभी उनके पास नहीं खाने के लिए कोई आधार था ना रहने के लिए कोई छत नहीं थी तो वह मजबूरन रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने लगी।

महिला ने मेथस टीचर को मदद करने की थान ली, वह महिला ने फटाफट से नंबर डायल करने शुरू किए 24 घंटे में उनके भूतपूर्व विद्यार्थियोंने अपने आदरणीय मैथ टीचर के जीवन निर्वाह के लिए पैसे जमा कीये. उनके लिए गुरु दक्षिणा के रूप में उनके लिए लाखों रुपयों की बारिश हो गई देखते ही देखते उनके पास उन्हीं पैसों से घर बन गया 6 महीने चले उतना राशन और हर महीने एक रकम देने लगे ताकि वह अपने गुरु जी के लिए अच्छी सी व्यवस्था कर सके।

यह केरल के मल्लपुरम नाम के एक गांव की यह वास्तव में बनी हुई घटना हे। आज के दौर में भी गुरु शिष्य का एक संबंध बना हुआ है भारत में सदियों से गुरु शिष्य के बारे में बहुत सारे ऐसे किस्से है जो हमेशा प्रेरणादाई बनते हैं यह घटना भी उनमें से एक है ।
धन्यवाद…..

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