रूस (Russia)के एक शहर मैं इनदिनों बोहोत सारे नीले रंग के कुत्ते देखने को मिले। आमतौर पर म्यूटेशन के कारन कुत्ते के रंगो मैं फर्क आता हैं। लेकिन कुत्तो में नीला कलर सामान्य नहीं पाया जाता। ऐसे में ये सवाल खड़ा हो गया हैं हैं की कुत्तो का रंग नीला पड़ गया हैं। और इसका कारन सामने आय हैं प्रदुषण !
यह घटना हैं रूस के जररिंस्क शहर की जो की मास्को से नजदीक ही हैं। शुरुआत में सबको आश्चर्य हुआ। किन्तु धीरे धीरे जब खोज बिन हुई तो पता चला की पास में एक केमिकल प्लांट बंध पड़ा था। काफी सरे एनिमल एक्टिविस्टों की शक किछाड़ी उस पर गुमी और पाया क ेवहं से निकलने वाले हानिकारक केमिकल्स की वजह से ये हो रहा हैं। जानने में आया की वहां से हाइड्रोसायनिक ऐसिडऔर प्लेक्सीग्लास नाम के केमिकल्स निकल रहे थे। यह ऐसिड हाइड्रोजन सायनाइड के पानी में मिलने पर बनता है और हाइड्रोजन सायनाइड एक बेहद जहरीला कंपाउंड होता है।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि प्लांट में अक्रेलिक ग्लास और प्रूसिक ऐसिड निकलता था और आशंका जताई गई कि कॉपर सल्फेट जैसे केमिकल्स के कारण कुत्तों के फर का रंग बदल रहा है। हालांकि, इन कुत्तों की सेहत पर कोई असर नहीं था लेकिन इससे रूस में केमिकल पॉल्यूशन को लेकर चिंता इ बढ़ गयी हैं। ह्यूमेन सोसायटी इंटरनैशनल उपाध्यक्ष केली ओ’मेरा का कहना है कि इस तरह के केमिकल्स से जानवरो के शरीर पर त्वचा पर जलन और खुजली तो कर ही सकते हैं, शरीर के अंदर खून भी निकल सकता है। और ये जानलेवा भी बन सकता हैं।
अगस्त, 2017 में मुंबई में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। जब प्रशाशन को एक प्रोडक्शन यूनिट को बांध करना पड़ा था। उससे निकलने वाला कचरा और डाई पास की नदी में डाला जा रहा था जिसकी वजह से करीब 11 कुत्ते नीले पड़ गए थे। और ये असामन्य और प्रदुषण के लिए चिंता का विषय हैं।