बेंक लोकर यूज़ करने वाले ख़ास ध्यान दे, RBI ने बदल दिए ये नियम

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हमारे देश में बहुत सारे लोग अपने कीमती जेवरात और गहने अक्सर बैंक के लॉकर में रखना पसंद करते है। इसका एक ही कारण है के घर में गहने ज्यादा सुरक्षित नहीं रहते इसीलिए लोग बैंक के लॉकर में गहने रखना पसंद करते है। लेकिन क्या आपको मालूम है के अभी बैंक भी आपका लॉकर तोड़ सकती है। रिज़र्व बैंक ने अभी कुछ समय पहले बैंक के लॉकर से जुड़े कुछ नियमो में बदलाव किया है और नई गाइडलाइन जाहिर की है।

रिज़र्व बैंक ने अपनी नई गाइडलाइन जारी की है उसके अनुसार रिज़र्व बैंक ने बेंको को लॉकर खोलने की अनुमति दे दी है। इस नयी गाइडलाइन के मुताबिक अगर कोई लॉकर होल्डर भले ही नियमित प्रकार से लॉकर का किराया दे रहा हो लेकिन अगर लॉकर लम्बे समय से नहीं खुला हो तो बैंक लॉकर को खोल सकती है।

आरबीआई के नये गाइडलाइन के अनुसार बैंक लॉकर को तोड़ने और लॉकर की सामग्री को अपने नामिती/कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित करने या पारदर्शी तरीके से वस्तुओं का निपटान करने के लिए स्वतंत्र होगा। भले ही लॉकर होल्डर अपने लॉकर का नियमित प्रकार से किराया दे रहा हो लेकिन वह 7 साल से लॉकर नहीं खोलता तो बैंक को उसका लॉकर तोडने का अधिकार है। लॉकर तोड़ने से पहले बैंक एक बार लॉकर होल्डर से कॉनटेक्ट करेगी।

आरबीआई के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि बैंक लॉकर-किरायेदार को पत्र और पंजीकृत ईमेल आईडी और मोबाइल फोन से नोटिस भेजा जायेगा। रजिस्टर्ड नंबर पर एसएमएस अलर्ट भेजेंगे।अगर भेजा गया पत्र वापिस आता है और लॉकर होलडर का पता नहीं लगाया जा सकता , तो बैंक लॉकर किराएदार या लॉकर की सामग्री में रुचि रखने वाले किसी अन्य व्यक्ति को देते हुए दो समाचार पत्रों (एक अंग्रेजी में और दूसरा स्थानीय भाषा में) में एक सार्वजनिक नोटिस जारी करता है। 7 दिनों के अंदर लॉकर होलडर को इसका जवाब देना होगा।

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