पुराने टायर इकठा करने वाले शक्श ने अपनी कड़ी महेनत से बनाया लाखो का कारोबार, उसपे हँस ने वाले लोग आज उसके साथ काम करने के लिए तरस रहे हे।

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यह शक्श बोहत ही गरीब कुटुम्ब से आता था। फ़ेमिलि गरीब होने की वजह से वह लोग इतना भी नहीं कमा पाते थे की पेट भर के २ टाइम खा सके। जितना भी कमाते थे उसमें से आधे पैसे तो उनके पिता जुवे मे हार आते थे। जुवे शराब की लत की वजह से एक बड़ी फ़ेमिली धीरे धीरे बिखर रही थी। मगर उस फॅमिली में एक लड़का था, इस लड़के ने हिमत नहीं हारी।

यह लड़का आफ़्रिका के एक गरीब देश से हे, उसका नाम मेलकम हे। मेलकम ने बस के गाड़ी के टायर ईकठा करना शरु किया। जो भी कमता उससे सस्ते मे फटे टायर ख़रीद लेता और आते जातें कबाड़ी मे से भी टायर उठा लाता। उसके आसपास रहेने वाले लोग उसपे हंसते थे, लोगों को वह पागल लगता था। मगर वह अपने काम पर लगा रहा एक वक्त ऐसा आ गया जब उसके घर के आसपास टायर ही टायर थे।

और फिर मेल्कम ने अपनी तरकीब आजमाना शरू किया। उसने २ , ४ लोगो को अपने साथ ले के जूते बनाना शरू किये। अफ्रीका की गरीब कंट्री होने की वजह से वह जूतों की बोहत कमी थी, नहीं जूतों की कोई बड़ी फैक्ट्री थी जो भी जुटे आते वो या तो बहार से एते या फिर लोग अपने गरेलु जुगाड़ से लोग जूते अपने लिए बना लेते। मेलकन टायर से थोड़े बोहत जूते बनाके सड़क के किनारे बेचना शरू किया। कीमत बोहत काम होने की वजह से लोग उसे हाथो हाथ खरीदने लगे। थोड़े ही समय में लोगो को पता चलना शरू हुआ की यह जूते सस्ते हे बावजूत बोहत ही मजबूत हे। यह जूते आसानी से तूटभी नहीं रहे थे जिसकी वजह से कुछ ही समय में मेल्कम के जूते आसपास के एरिया में मशहूर हो गए।

धीरे धीरे मेल्कम के पास लड़किया अपनी डिज़ाइन लेके जूते बनाने आने लगी मेल्कम भी उनको उनकी पसंद के जूते टायर से बनाके दे देता।  कुछ ही वक्त में मेल्कम को एक छोटी सी जगह लेनी पड़ी और काम पे लोग रखने पड़े मेल्कम के जूते अब अपने शहर के साथ साथ आसपास के शहर और पुरे राज्य देश में बिक ने लगे। दूर दूर से उनको आर्डर मिलने लगे। अब मेल्कम गरीब नहीं रहे वह एक के बाद एक जगह पे अपनी छोटी फैक्टरी लगा के लोगो को जूते देने लगे जो लोग उनपे हँस रहे थे वो उनके साथ काम करने के लिए तरस ने लगे। मेल्कम ने साबित कर दिखाया की कोई भी इंसान अपनी महेनत से पैसे कमा सकता हे अगर कुछ चाहिए तो महेनत और एक ाचा आईडिया और उस आईडिया पे दिन रत की महेनत बिना हार माने की जाये तो कोई भी इंसान आगे बढ़ सकता हे।

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