आज हम आपको इस लेख में एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे है जिसे पढ़के सभी की आँखे नम हो जायेगी। भारत-पाकिस्तान सीमा से बिलकुल नजदीक बारमेर जिले के परिवार को पाकिस्तान की जेल से एक चिट्ठी आई। यह चिट्ठी किसी और ने नहीं बल्कि उनके बेटे ने लिखी है. चिट्ठी में बेटे ने अपने पिता सहित परिजनों का हाल-चाल जाना है. मगर दुख की बात है कि बेटे को यह नहीं पता कि उसके पिता की मौत दो महीने पहले ही हो चुकी है।
पिता की मौत से अनजान बेटा ने उनके बार में खत के जरिए पूछा है. उसने लिखा, ‘मैं यहां ठीक हूं. पूरे परिवार को प्यार भरा नमस्कार और राम-राम. सभी से माफी मांगने चाहता हूं. मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई. मेरी चिंता बिल्कुल मत करना. पापा की तबीयत ठीक नहीं थी. अब उनकी तबीयत कैसी है। उसने लिखा, ‘मैं यहां ठीक हूं. पूरे परिवार को प्यार भरा नमस्कार और राम-राम. सभी से माफी मांगने चाहता हूं. मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई. मेरी चिंता बिल्कुल मत करना. पापा की तबीयत ठीक नहीं थी. अब उनकी तबीयत कैसी है।
पूरा मामला बाड़मेर के सेड़वा इलाके के सज्जन का पार गांव का बताया जा रहा है. दरअसल, गांव का एक युवक गेमराराम मेघवाल (Gemraram Meghwal) अपनी प्रेमिका के साथ घूम रहा था. वह युवती को उसके घर छोड़ने जा रहा था. इस दौरान लोगों ने उसे देखा और पकड़ लिया. बदनामी के डर से युवक भागा और उसने भारत-पाकिस्तान क्रॉस कर लिया. 2020 में गेमराराम सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया था. उसका गांव बॉर्डर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर ही था.
परिवार ने की थी गुमशुदगी की शिकायत
गेमराराम के गायब होने के बाद परिवार में हड़कंप मच गया. परिजनों ने उसके गुमशुगदी की शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस और बीएसएफ ने उसकी तलाश शुरू कर दी. इस दौरान उन्हें पता चला कि बेटा पाकिस्तान के जेल में बंद है. बॉर्डर क्रॉस करने के दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे पकड़ लिया था. बताया जाता है कि गेमराराम के खिलाफ 2021 को पाकिस्तान के कराची के मीठादार थाने में मामला दर्ज कराया गया था।
गेमराराम को पाकिस्तान की अदालत ने 6 महीने की सजा भी सुनाई है. उनका कहना है कि सजा पूरी होने के बाद ही उसे वापस भारत भेजा जाएगा. कोर्ट ने उस पर जुर्माना भी लगाया है. वह फिलहाल अपनी सजा पूरी कर रहा है. गेमराराम ने अब एक चिट्ठी के जरिए परिवार को पाकिस्तान में अपना हालत के बारे में बताया है. बताया जाता है कि यह चिट्ठी उसने एक मछुआरे के जरिए भेजी है।