नौकरी छोड़ शुरू करें यह कारोबार, हर महीने होगी ₹2 लाख तक की कमाई, सरकार भी करेगी मदद

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कोरोना महामारी के इस दौर मैं नौकरिया मिलाना मुश्किल हो गया हैं वहीँ हर कोई अपनी आया बढ़ाने के रास्ते ढूंढ रहा है। हम भी लेके आये हैं ऐसा ही एक रास्ता जहाँ से आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते है। महज २५००० खर्च करके आप औसतन 1७५ लाख तक कमा सकते है। हम बात कर रहे हैं मछलीपालन की। सरकार भी अभी विविध तरीको से इसको प्रोत्साहन दे रही है। हालही मैं छत्तीसगढ़ सरकारने मत्स्यपालन को कृषिका दर्जा दिया हैं। और इसी के तहत छत्तीसगढ़ सरकार इंट्रेस्ट फ्री लोन भी दे रहीं हैं। इसके साथ सरकार सब्सिडी एवं विमा सुविधाए भी उपलब्ध करवा रहीं है।

मछलीपालन के जिस तरीके की हम बात कर रहे हैं वो हैं बायोफ्लेक तकनीक -जो की आज कल काफी मशहूर हो रहा हैं। यह तकनीक बामपर मुनाफा करवाती हैं। तो अगर आप इस व्यवसाय मैं या फिर इसको शुरू करना कहते हैं तो जान लीजिये इसको करने के तरीके के बारें मै।

क्या हैं ये तकनीक ?

बायोफ्लेक तकनीक में बड़े बड़े टैंको का इत्सेमाल किया जाता हैं जो की तक़रीबन १०-१५ हज़ार लीटर की क्षमता की होती हैं।उसमें पानी बदलने तथा ऑक्सीजन डालने की व्यवस्था की जाती हैं। उसमें एक बैक्टीरिया डाला जाता हैं जिसका नाम हैं बायोफ्लॉक। ये बेक्टेरिया मछली के मल को प्रोटीन मैं बदल देते हैं जिन्हे मछलिया वापस खा लेती हैं। इस वजह से मछलियों के खाने मैं १/३ बचत हो जाती हैं और टेंक भी ज्यादा साफ नहीं करनी पड़ती। क्युकी औसतन पानी गन्दा कम होता हैं।

शुरुआत मैं ये जरूर थोड़ा खर्चीला रहता हैं पर फिर यह काम लगत पर लम्बे समय तक बड़ा मुनाफा देती है। NFDB के डाटा के अनुसार यदि यह ७ टैंकों के साथ मैं शुरू किया जाये तो औसतन ७। ५ लाख खर्च आ सकता हैं। यहीं तकनीक का प्रयोग आप तालाब के साथ भी कर सकते हैं।

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