टैक्सी ड्राइवर की बेटी बनी DRDO में वैज्ञानिक, कई बार आ चुकी है मेरिट में

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आजकल के समय में बेटियां बेटों से बिल्कुल भी पीछे नहीं हैं। हर क्षेत्र में बेटियां अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। बेटियों ने यह साबित कर दिखाया है कि वह किसी भी मामले में बेटों से पीछे नहीं हैं। वर्तमान समय में सभी बेटियां बेटो से कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहीं हैं। एक ऐसा ही उदाहरण पहाड़ की एक होनहार बेटी रीना कंडारी हैं, जिन्होंने डीआरडीओ (DRDO) का हिस्सा बनकर अपने पिता के साथ-साथ उत्तराखंड का नाम पुरे देश में रौशन कर दिया है।

आज उत्तराखंड की यह बेटी देश बाकी सभी बेटियों के लिए एक मिसाल बन गई हैं। बेटी की इस कामयाबी से उनके परिवार में ख़ुशी का माहौल छाया हुआ है। सभी लोग इनको बधाई दे रहे हैं। आपको बता दें कि रीना कंडारी के लिए इस मुकाम पर पहुंचना आसान नहीं था। क्योकि रीना एक बेहद मिडल क्लास परिवार से तलूक रखती है उनके पिताजी टैक्सी चलाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी के रीना ने अपनी पढाई एक सरकारी स्कुल से की है।

आपको बता दें कि रीना कंडारी मूल रूप से धनपुर क्षेत्र के पीड़ा खैरपाणी गांव की रहने वाली हैं। इनके पिता जी हीरा सिंह कंडारी कई वर्षों से टैक्सी चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। भले ही उनकी आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं है परंतु पिताजी ने अपनी बेटी की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कसर नहीं छोड़ी। रीना भी बहुत मेहनत करती थीं, जिसका नतीजा उनके सामने आज आया है।

रीना की कड़ी मेहनत के पश्चात अब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में ये अपनी सेवाएं देंगी। भारत की रक्षा से जुड़े हुए अनुसंधान कार्यों के लिए डीआरडीओ को जाना जाता है। यह संगठन रक्षा मंत्रालय की आनुषांगिक इकाई के रूप में कार्य करता है।

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