पिछले कुछ दिनों से जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों और जवानों के बीच मुठभेड़ चल रही है। हमारे जवान आतंकवादियों को बहुत ही करारा जवाब देते हैं। आतंकवादीयो के साथ लड़के हमारे देश के वीर जवान हमे सुरक्षित रखते हैं। देश के वीर जवान को हर रोज गोलियों का सामना करना होता है। जिससे भारत के परिवार घर में खुशी से रह सकते हैं। लेकिन कई बार आतंकवादियों से लड़ते-लड़ते उन वीरो को शहादत मिलती है। भारत के सैनिक खुद के परिवार की चिंता करे बिना देश के लिए अपनी जान देने को हमेशा तैयार रहते है। ऐसे ही एक दुखद घटना बनी जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में।
आज हम बात कर रहे हैं,हरीश परमार के बारे में जो जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में आतंकवादियों के सामने लड़ते लड़ते महज 25 साल की छोटी सी उम्र में देश के लिए वीरगति को प्राप्त हुए है। हरिश परमार गुजरात के कपड़वंज के वंझरिया गांव के रहने वाले थे। हरीश ने साल 2016 में देश की सेवा करने के लिए आर्मी को जॉइन किया था। तब से हो देश की सेवा में थे। वंझरिया गांव में करीब 2500 जितनी बस्ती है हरीश की अंतिम यात्रा में पुरे गांव की आँखे नम थी।
मात्र 25 साल की आयु में हरिश परमार शहीद हो गए। हरिश परमार जम्मू के मछा सेक्टर में शहीद हुए। हरिश परमार देश को सुरक्षित रखने के लिए आतंकवादियों के सामने भिड़ गए थे, और वीरगति को प्राप्त हुए। उनके पार्थिव देश को उनके गांव में ले गए। देश के ऐसे वीर जवानों के कारण आज देश में हम सुरक्षित रह सकते हैं। देश के लिए शहीद होने वाले भारत के वीर सपूत हरिश परमार को शत शत नमन….जय हिंद….