प्राचीन भारत में भी ऐसी हजारों साल पुराने शहर मिले हुए हमने देखे हे। चाहे वह मोहनजोदडो या गुजरात में बसे लोथल या धोलावीरा शहेर हो और हडप्पा संस्कृति की अस्तित्व के सबूत हुबहू आज भी मिलते हैं। कुछ ऐसी ही खबर अब सऊदी अरब से मिल रही है जहां खुदाई के दौरान जमीन के अंदर से 2 बड़े शहर मिले हैं। सऊदी अरब के अल उला पहाड़ों में पुरातत्व की टीम को हजारों साल पहले खोए हुए राज्य जमीन के अंदर से मिले हैं इन राज्यों की या शहरों की खुदाई के लिए पुरातत्व टीम चौबीसों घंटे खुदाई कर रही है।

अल – अला प्राचीन अरब की राजधानी माना जाता है। इसे मुख्य रूप से मदैन सालेह के मकबरे के लिए मशहूर है। आपको बता दें कि मदन साले यूनेस्को से मान्यता प्राप्त एक हेरिटेज साइट भी है। माना जाता है कि अरब के ही प्राचीन निवासियों ने बड़े-बड़े पहाड़ों को काटकर इन शहरों का निर्माण किया था। पुरातत्व विभाग के लोग दिन-रात इन जगहों की खुदाई में लगे हुए हैं माना जाता है कि ऐसी पांच जगहों पर खुदाई का काम शुरू ह।
सऊदी अरब में दादर और रियान सभ्यताएं रहा करती थी यह सभ्यताएं करीबन 2000 साल पहले या तो 1 AD के आस-पास इन क्षेत्रो मे मौजूद रही होगी। मगर उनके साथ ऐसा क्या हुआ था कि यह सभ्यता यहां से खत्म हो गई वह एक राज है। पुरातत्व विभाग की खुदाई के बाद शायद यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि इन सब सभता में क्या विशेषता थी और यह कैसे खत्म हो गई।
माना जा रहा है कि यह राज्य मदीना से लेकर जॉर्डन तक फैले हुए थे और इन्होंने करीबन 900 वर्षों तक इन इस विस्तार में राज किया था। और यह सिल्करोड या भारत और चाइना से जाने वाला सामान और अफ्रीका और यूरोप से भारत में आने वाले सामान का एक अहम मार्ग था। जिस वजह से यह इस व्यापार मार्ग पर नियंत्रण भी करते थे और व्यापार के जरिए बहुत ही धनराशि भी इन्होंने कमाई होगी। पुरातत्व विभाग ने बताया कि खुदाई में ऐसी कहीं पुरानी चीजें मिली है कि जिन को म्यूजियम में रखा जाए या उनकी कीमत लाखों करोड़ों में हो सकती है। जैसे-जैसे खुदाई आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे और भी राज खुलने की शक्यता है।