हर माँ बाप का सपना होता हे की उसका बेटा या बेटी अछि पढाई करे और उसको अच्छी नौकरी मिले। जिनके पास नौकरी होती हे वह सोचते हे की उनको अच्छी तनख़्वा या अच्छी कम्पनी मे काम करने का मौका मिले, मुनाफ कपड़िया के पास ये सब कुछ था. गूगल जैसी कम्पनी मे काम करना लाखो लोगो के लिए एक सपना होता हे, वही मुनाफ कपडिया ने गूगल मे नौकरी छोड समोसा बेचना पसंद किया, जाने मुनाफ का इंस्पायरिंग सफर.
कपाड़िया ने मुंबई के नरसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की पढाई पूरी कि, और उनको कुछ ही वक्त मे उनकी ड्रीम कंपनी मे जॉब मिल गई. वह अपनि ऑफिस मे उनकी मा का बनाया हुआ टिफिन लेके जाते थे, उनकी माता कुकिंग शो देखना और नए प्रयोग करना साथ ही सालो पुरानी बोहरा समाज की रेसेपी को ऑथेंटिक तरीके से बनाती थी. जब भी वह ऑफिस में कीमा समोसा लेके जाते तो उनके साथ वाले सहकर्मी उनकी तारीफ करते हुए नहीं थकते थे, वह अपने कही मित्रो को घर पे खाने के लिए बुलाते, वो खुद भी कुकिंग के शौखिन थे.
उनकी मा के साथ मिल के कही रेसेपी अपने मित्रो को खिलाते उनमे से कही लोगो ने उनको रेस्टरान्ट खोलने के लिए कहा, वह खुद भी कुकिंग के शौखिन थे तो उन्होंने तय किआ की वह नौकरी छोड के फुल टाइम बिसनेस पे ध्यान देगे और उन्होंने अपनी मां से टिप्स लेते हुए फूड चेन खोलने का फैसला किया। यही से 2014 में द बोहरी किचन की स्थापना हुई. पहले ही साल उको सकरात्मक रिस्पोस मिला और पहले ही साल का टरनोवेर 50 लाख से अधिक रहा.
करीबन दो ढाई साल में मुनाफ का बिजनेस तेज रफ्तार से दौड़ने लगा और” द बौहरी किचन “के नाम से एक होटल भी शुरू कर दिया। मूनाफ के समोसे की खास बात यह है ,कि उसकी डिमांड पांच सितारा होटल से लेकर बॉलीवुड तक है। मुनाफ के होटल में कीमा समोसा तो एक ट्रेडमार्क हे, उसके अलावा भी उनके वहा कही स्वादिस्ट वानगी मिलती है जिनमे वोहरा कल्चर की रीच रेसिपीस शामिल हे. आज मुनाफ सालाना 4 करोड से भी अधिक का टर्नओवर किया. गूगल की नौकरी छोड के जो रिस्क लिया था वो आज खुदके करोडो के बिसनेस मे बदल गया. आज उनको प्रतिदिन 200 से अधिक ऑर्डर मिलते हे और महीने का टर्नओवर 36 लाख से भी ज्यादा हे.