किसानों के लिए बड़ी खबर! 5.5 करोड़ अन्नदाताओं का डाटाबेस तैयार, जानिए क्या होगा फायदा?

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हम सभी को मालूम है के आनेवाला समय तकनिकी और कम्प्यूटर का होगा। वैसे आज भी बहोत सारे ऐसे क्षेत्र है जो डिजिटल हो गये है जिसमे आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है ,इससे काम फटाफट होता है। देश में कई सारे सरकारी क्षेत्र भी है जहा डिजिटल तकनीक इस्तमाल की जाती है। वैसे इसमें कृषि क्षेत्र भी क्यों पीछे हटता। आपको बतादे के कृषि क्षेत्र में डिजिटल तकनीक का लाभ लेने के लिए केंद्र सरकार ने ताबड़तोड़ काम शुरू कर दिया है।

कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने के सिलसिले में गाठ सोमवार को कृषि मंत्रालय देश के सभी मुख्यमंत्रियों और राज्यों के कृषि मंत्रियो से एक बैठक की थी। इस बैठक का मुख्य टॉपिक था के कृषि मंत्रालय ने अभी तक तक़रीबन 5.5 करोड़ जितने किसानों का डाटा तैयार कर लिया है.और आगे सभी राज्यों के साथ सहकार से साल ख़त्म होने तक आठ करोड़ से भी ज्यादा किसानों का डाटाबेस बन जाएगा, जो कृषि व किसानों की प्रगति के लिए राज्यों, केंद्रीय विभागों व विभिन्न संस्थाओं को मदद करेगा।

गत सोमवार को जो बैठक हुई थी उसमे सूत्रों द्वारा पता चला है के आने वाले समय में देश के हर एक किसान के पास अपना एक किसान कार्ड होगा। ईसमें किसानो की व्यक्तिगत जानकारी, किसान की पास खेती लायक कितनी जमीन है और कितनी जमीन पर खेती करता है वह जानकारी , कृषि संबंधित उत्पादन और योजनाओं के लाभ सभी की जानकारी होगी. पीएम किसान योजना अंतर्गत केंद्र सरकार के पास करीब 11 करोड़ किसानों का डाटा एकत्र हो चुका है. जिसमें किसानो की खेती योग्य जमीन, आधार कार्ड,बैंक अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर शामिल हैं। मंत्रालय का कहना है के यह डाटाबेस तैयार होने के बाद किसानों के लिए सभी योजनाओं का लाभ लेनी की पक्रिया आसान हो जाएगी।

खेती को आधुनिक बनाना है मकसद

गत सोमवार सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने का एक मात्र प्रमुख उदेश्य यह है के देश की कृषि दूसरे देशो की कृषि जितने मजबूत हो।जैसे के हम जानते है के हमारा देश कृषि प्रधान देश है। इसीलिए कृषि क्षेत्र सबके लिए महत्व का है, यह सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. कृषि क्षेत्र मजबूत होगा तो देश का अर्थतंत्र मजबूत होगा, रोजगार के साधन बढ़ेंगे।

कृषि को तकनीक से जोड़ने की जरूरत
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि आज कृषि को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान और तकनीक से जोड़ने की आवश्यकता है क्योकि तब ही हम वैश्विक तौर पर कृषि क्षेत्र को मजबूत कर पाएंगे। इसीलिये केंद्र सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर का कांसेप्ट लेकर आई है। डिजिटल होने के बाद पारदर्शिता आएगी। जिसका एक अनोखा उदाहरण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना है। जिसके अंतर्गत अभी तक 11.37 करोड़ जितने किसानों को 1.58 लाख करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराए गए हैं.

किसानों को इस तरह मिलेगा फायदा

डिजिटल तकनीक लादने से होने वाले फायदे देखते हुए केंद्र सरकार ने जल्द से जल्द कृषि में डिजिटल तकनीक लाने के मूड में है। सभी राज्यों के सहयोग से अन्य योजनाएं भी इसमें शामिल की जाएंगी। इस डाटाबेस से सरकार को मूल्यांकन व आकलन में फायदा होगा।पीएम-किसान का डाटा किसान क्रेडिट कार्ड के डाटा से लिंक करने के वजह से कोरोना महामारी में 2.37 करोड़ से अधिक किसानों को बैंकों से केसीसी का लाभ मिला है। किसानों को इससे 2.44 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज मिला है।

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