बचपन में पकोड़े बेचते थे धीरुभाई अंबानी| जानिए पूरी कहानी|

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आज हम गुजरात के जाने मने बिजनेस मेन धीरुभाई अंबानी की बात करेंगे. धीरुभाई अंबानी का जन्म गुजरात मे जूनागढ़ जिले के चोरवाड में 28 दिसंबर 1932 को हुआ था. उनके पिता गाव में शिक्षक थे. उनका पुरा नाम धीरजलाल हिराचंद अंबानी है.

धीरुभाई अंबानी

  • उन्होंने अपनी पढाई बहादुर कांजी स्कूल से की. धीरुभाई अंबानी 10वीं पास थे 5 भाई-बहनों के साथ उनका परिवार दो कमरे के घर में रहता था.
  • धीरुभाई अंबानी ने अपना पहला बिजनेस चाट-पकोड़े बेचने से की थी. गजरात के गिरनार पर्वत पर श्रद्धालुओ के लिए चाट-पकोड़े बेचने शुरू किये थे यह उनका पहला बिजनेस था.
  • ज्यादातर लोग जानते है की धीरुभाई ने पेट्रोलपंप पर काम किया है. धीरुभाई अंबानी यमन में एक पेट्रोलपंप पर काम करते थे उनके काम से प्रभावित होकर मालिक ने उनको मैनेजर बना दिया.
  • सन 1960 में धीरुभाई अंबानी ने अपने चचेरे भाई चंपकलाल दिमनी की मदद से रिलायंस कमर्शियल कोर्पोरेशन कंपनी की शरूआत की थी, कंपनी का पहला कार्यालय मस्जिद बन्दर के नरसिंथा स्ट्रीट में था.
  • पहले कार्यालय की बात करे तो मुंबई में 350 वर्ग मीटर का एक कमरा था जिसमे 3 कुर्सी और एक मेज था.
  • साल 1966 में रिलायंस कमर्शियल कोर्पोरेशन कंपनी का गठन हुआ बाद में 8 मई 1973 को रिलायंस इंडस्ट्रीज़ बन गई.
  • साल 1966 में उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद में टैक्सटाइल्स मिल्स की शरूआत की जिसका नाम रिलायंस टैक्सटाइल्स रखा गया.
  • धीरुभाई अंबानी ने 3 बार कंपनी का नाम बदला था फिर साल 1977 में फ़ाइनल तौर पर कंपनी का नाम रिलायंस इंडस्ट्रीज रखा.
  • साल 1996 में इंटरनेशनल क्रेडिट रेटिंग एजेंसीयो से रेटिंग पाने वाली भारत की पहली निजी कंपनी बन गई.
  • एक दिन धीरुभाई चला जायेगा, लेकिन RELIANCE के कर्मचारी और शेयर धारक इसे चलते रहेंगे.रिलायंस अब एक विचार है. जिसमे अम्बानियो का कोई अर्थ नहीं है – धीरुभाई अंबानी

जून 2002 में बड़ा स्ट्रोक आने से मुंबई के ब्रीच कैडी अस्पताल में भारती कराया गया, 6 जुलाई 2002 को उनका निधन हुआ. मृत्यु के बाद 2016 में उनको पद्म विभुषण से सन्मानित किया गया था.

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