जैसा कि आप जानते हो धीरूभाई अंबानी के दो बेटे हे, अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी दोनों के पास अपनी अपनी अलग-अलग कंपनियां आज मौजूद है. जहां मुकेश अंबानी अपने पैसे और अपने शेर इन्वेस्टररो को मुनाफा दिला रहे हे, वही अनिल अंबानी की कंपनियां कर्ज में डूबी हुई है या दिवालिया घोषित होने की कगार पर है ऐसी ही एक अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल बिकने जा रही हैं.
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए अदानी और टाटा भी रेस में आ गए है. इसके साथ साथ इस कंपनी में यस बैंक ने भी दिलचस्पी दिखाई है आपको बता दें कि यस बैंक के शेयरों में पिछले कुछ सालों में भारी गिरावट सही है और उसका कर्ज भी बेहद ज्यादा है. रिलायंस कैपिटल भारत की सबसे बड़ी फाइनेंसियल सर्विस कंपनियों में से एक है, एक रिपोर्ट के अनुसार 54 लोगो ने इसे खरीदने के लिए दिलजस्पी लगाई हे. अभी देखना है रहा की टाटा और अदानी जैसी कंपनियों में से रिलायंस कैपिटल का मालिक कौन होता है.
आज से 6 महीने पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने पेमेंट डिफॉल्ट केस और गंभीर प्रशासकीय मुद्दों की वजह से मैनेजमेंट बोर्ड को कैपिटल को निलंबित कर दिया था. आपको बता दे कि एक वक्त यानी कि 2008 में अनिल अंबानी के पास 42 बिलियन डॉलर के मालिक थे. वह मुकेश अंबानी से भी ज्यादा अमीर रहे हैं लेकिन 2020 उनकी ज्यादातर कंपनियां कर्ज में डूबने लगी और आज उनकी संपत्ति 2 बिलियन डॉलर से भी कम हे.
टाटा और अदानी कंपनी को इस लिए भी खरीदने के के लिए इच्छुक दिख रहे हैं क्योंकि इसकी कही सहायक कपनिया है. जैसे कि रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पोन, लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटी, रिलायंस रीकंस्ट्रक्शन कंपनी होम फाइनेंस जैसी कहीं कंपनियां है जिससे खरीदने से नए कस्टमर और इंफ्रास्ट्रक्चर मिल सकता हे. आइए जानते हैं रिलायंस कैपिटल कंपनी के बारे मे: रिलायंस कैपिटल को 1986 में आज से 36 साल पहले धीरूभाई अंबानी ने बनाया था. आज इसकी रेवेन्यू 19000 करोड़ के आसपास है, वहीं इसके असेट्स 64000 करोड़ के आसपास है वही 18000 एंप्लॉय इस कंपनी में काम करते है.