21 साल की लड़की डेरी फार्मिंग करके हर महीने कमा रही हे 5 लाख से भी ज्यादा, यह पद्धति अपना के

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दूध की बढ़ती कीमते और डेरी प्रोडक्ट्स की भारी मांग की वजह से डेरी फार्मिंग का बिसनेस दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा हे. गॉव को आत्मनिर्भर करने के लिए जितना श्रेय खेती को जाता हे उतना ही श्रेय पशुपालन को जाता हे. आज अमूल जैसी कही सहकारी और प्राइवेट डेरी गॉव गॉव पोहच रही हे. वह दूध की सही कीमत भी किसानो को या पशुपालको को दे रही हे. श्रद्धा धवन जो की सिर्फ २१ साल की है उन्होंने डेरी फार्मिंग कर के महीने के ५ लाक से अधिक और सालाना ६० लाख से अधिक कमा रही हे. यह किसी भी नौकरी या जॉब से कही ज्यादा हे. उन्होंने सभीत कर दिखाया हे की महिलाएं किसी भी खेत्र में पुरुषो से कम नहीं हे.

उनके पिता की तबियत बिगडने से उनका परिवार पशुपालन को बंध करने की सोच रहा था. मगर श्रद्धा उसके लिए तैयार नहीं थी, उन्होंने परिवार को बताया की वह पशुपालन का ध्यान रख लेगी उनको मौका दिया जाये. उनकी उम्र तब बोहत छोटी थी मगर परिवार ने भरोसा कर के पशुपालन की कमान श्रद्धा के हाथ में दी. फिर जो हुआ वो चमत्कार ही था, या कड़ी महेनत का नतीजा था. उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधर किआ पर आज वह महीने के ५ से ६ लाख रुपये कमा रही हे.

श्रद्धा ने बताया की १२ साल में उन्होंने पशुपालन की कमान संभल ली थी. रोज सुभह दूध निकलना फिर भेसो को चारा डालना उसके बाद वह अपने भाई की मदद से बाइक पे घर घर जा के दूध पौह्चती थी. यह काम ख़तम कर के पढ़ाई पे ध्यान देती और शाम को फिर से यही रूटीन. अछि गुनवत्ता का दूध कम कीमत पे लोगो को मिलने से उनके कस्टमर बढ़ने लगे कुछ ही वक्त में उनको भेसो की संख्या १० से बढ़ा के ४० करनी पडी. आज उनके फार्म पर ८० भैंस हे प्रति दिन ४०० से ५०० लीटर दूध बेचती हे.

आज वह बाइक के साथ साथ बड़ी गाड़ी भी चलना सिख गई हे. जिससे उनको किसी पे निर्भर न रहना पड़े. उन्होने बताया की वह 6 लोगो को रोजगार भी दे रही हे, जो भेसो की देखभाल से लेके दूध को कस्टमर तक पोहचने का काम करते हे. श्रद्धा ने बताया की छुट्टी के दिन वह अकेली ही २० से २५ भेसो का दूध निकल देती है. उन्होंने आगे बताया की उनके खेतो में ही भेसो के लिए अलग अलग तरीके का चारा उगाया जाता हे. जिससे उनको अछी गुणवत्ता का खुराक मिले और अछि मात्रा में दूध मिले.

श्रद्धा एक कामियाब बुसिनेस्स गर्ल होने के साथ साथ स्टूडेंट भी हे. श्रद्धा फिजिक्स में मास्टरी कर रही हे. वही उनका भाई डेरी फार्मिंग का कोर्स कर रहा हे. श्रद्धा सही मायनो मे लोगो के लिए मिसाल बनी हे. जहा चाह वहा राह का मुहावरा सिद्ध किया हे. छोटी सी उम्र में श्रद्धा ने वो कर दिखाया हे जो बडे बडे लोग नही कर पाते. वह बताती हे की टाइम मैनजमेंट उनके लिए सब से ज्यादा महत्व रखता हे. फिर भेसो को खाना खिलाना हो या कस्टमर को दूध पोहचना हो या पढाई पे ध्यान देना हो या आराम कर के अपनी सेहत पे ध्यान देना हो या परिवार का खयाल रखना हो.

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