हिन्दू मुस्लिम भाई चारे की मिसाले हमारे देश में आती रहती है| यह कहानी उन कट्टरपंथी के मुह पर तमाचा है जो इसी कट्टरता फ़ैलाने में मदद करते है| अनेकतामे एकता हमारे देश का मुलभुत सूत्र है| यहाँ हमने कई मिसाले देखि है जो हिन्दू मुस्लिम के भाई चारे को और मजबूत करती है| इसे में एक और मिसाल सामने आई है| एक मुस्लिम परिवार ने अपने बेटे का नाम कृष्णा रखा है| वह बच्चा जन्माष्टमी के दिन पैदा हुआ तो पिता ने उसका नाम कृष्णा रख दिया|
दरअसल कृष्णा की माने बताया की उनकी पहले 2 बेतिया थी| उसके बाद उनको कृष्णा हुआ था| छोटी बेटी और कृष्णा के बिचमे 8 साल का फर्क है| कृष्णा के माता पिता ने कई मंदिर दरगाह पर जाकर मन्नते मांगी थी| उसके बाद कृष्णा हुआ था| कृष्णा का जन्म 2008 में हुआ था, उस दिन जन्माष्टमी थी| जब उसका जन्म हुआ तब नर्स ने आकर उन्हें कहा था की उस दिन 7 डिलीवरी हुई थी इसमें से 6 लडकिया हुई है| डॉक्टर ने कृष्णा के पिता को कहा था की आपके घर कृष्ण हुआ है|
कृष्णा के पिता अजीज खान बताते है की, साल 2008 में मेरी पत्नी गर्भवती थी, वर्त्तमान समय में CMHO डॉक्टर जडिया ने मेरी पत्नी का ऑपरेशन करके डिलीवरी करवाई थी और मुझे पुत्र की प्राप्ति हुई थी| जब हमें हॉस्पिटल मेसे डिस्चार्ज किया गया तब हॉस्पिटल में एक फॉर्म भरना होता है| तब डॉक्टर ने पूछा की लड़के का नाम कुछ सोचा हो तो बताईये| तब पिता ने जन्माष्टमी के दिन बेटा पैदा हुआ था इसलिए फॉर्म में पिता ने मास्टर कृष्णा लिखवा दिया था|
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