पौराणिक समय में हमारे देश को सोने की चिड़िया भी बुलाया जाता था। कहते थे के हमारे देश भारत में सोने की नदिया बहती थी। हमारे देश में आज भी कई जगहे ऐसी ही जिसके रहस्यों के बारे में बहुत सारे लोगो को पता नहीं होता है। आज हम आपको हमारे देश से जुड़े एक ऐसे ही रहस्यों के बारे में बताने वाले है जिसका आपको शायद ही पता होगा।
आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताने वाले है जिसमे से सोने के कण निकलते है। आपको यकीन नहीं होगा पर यह सच है। बतादे के झारखंड में एक नहीं है जिसका नाम है स्वर्णरेखा। बता दें कि हम बात कर रहे हैं झारखंड में बहने वाली स्वर्णरेखा नदी की। आपको नदी के नाम से पता चल गया हो गया। ऐसे में आप समझ सकते है कि इस नदी में सोना जरूर बहता होगा। वहीं इसके अलावा झारखंड में कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां स्थानीय आदिवासी इस नदी में सुबह-सुबह जाते हैं और दिन भर रेत छानकर सोने के कण इकट्ठा करते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि इस काम में उनकी कई पीढ़ियां लगी हुई हैं और तमाड़ और सारंडा जैसे इलाके ऐसे हैं जहां पुरुष, महिलाएं और बच्चे सुबह उठकर नदी से सोना इकट्ठा करने पहुँच जाते हैं। वहीं मालूम हो कि ये नदी झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में बहती है और इसका उद्गम स्थल झारखंड का रांची शहर है।
इसके अलावा इस नदी से जुड़ी हुई एक हैरान कर देने वाली बात ये है कि रांची स्थित ये नदी अपने उद्गम स्थल से निकलने के बाद उस क्षेत्र की किसी भी अन्य नदी में जाकर नहीं मिलती, बल्कि स्वर्णरेखा नदी सीधे बंगाल की खाडी में जाकर गिरती है।