कहते हैं कि नेकी कर और दरिया में दाल पर कभी-कभी हमारी की हुई नेकी हमें ही दरिया में डाल देती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ माधोपुर गांव के रहने वाले धर्मप्रसाद एवं चिंता देवी के साथ। दरअसल हुआ यूं कि उन्होंने सन 2011 में अपनी इकलौते बेटे अनिल की शादी बनियापुर थाना क्षेत्र के शिवाजी प्रसाद की पुत्री रेखा से करवाया था। उनका परिवार शादी के बाद हसी ख़ुशी साथ जीवन बता रहा था.
लेकिन शायद परमात्मा की मर्जी कुछ और ही थी। 2015 में उनके बेटे की मौत हो गई और परिवार दुखो के गेरे मैं आ गया। उनके सामने उनकी विधवा बहु की पूरी ज़िन्दगी पड़ी थी। रोती हुई उनकी विधवा बहु का दर्द उनसे भी सहा नहीं जा रहा था। इसलिए उन्होंने सोचा कि विधवा बहू की शादी अपने भतीजे से करवा लेते हैं , किंतु उनका भतीजा नहीं माना।
इसलिए बहू के मायके वालों के साथ बात करके उन्होंने मशरख प्रखंड के चैनपुर गांव के मोहन प्रसाद के पुत्र प्रदीप कुमार और बहु दोनों को क़ानूनी तौर पर गोद लिया। 2017 में दी हिंदू रीति रिवाज से दोनों की कानूनी शादी करवा दी। लेकिन धीरे-धीरे समय बीतता गया और उनका दत्तक पुत्र शराबी निकला, विश्वासघाती निकला।
जिस नेक सोचके साथ दंपति ने उन्हें को गोद लिया था कि वह उनके बुढ़ापे में उनका सहारा बनेगा। लेकिन 1 साल बाद एक दिन लगभग 20 लाख रुपए और जेवरात लेकर दोनों ही फरार हो गए। वृद्ध दंपति ने दोनों का ही गोदनामा रद्द करवाया। पर जैसे ही उन्होंने गोदनामा रद्द करवाया दूल्हा दुल्हन अपना आप आखो बैठे और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में उन लोगों ने अपने साडी जायदाद दोनों बेटियों के नाम पर दिए हैं। और वे अभी अपने रिश्तेदारों के घर उनसे छिपते छिपाते घूम रहे हैं।