रत्न-सिक्के-सोने की अंगूठियां और दुर्लभ प्रतिमाएं, यहां मिला 700 साल पुराना खजाना

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700 साल पुराना एक ऐसा साम्रज्य जोकि श्री विजय राजवंश द्वारा चलाया जाता था। श्री विजय राजवंश सातवीं और आठवीं शताब्दी के बीच एक बहुत ही शक्तिशाली साम्राज्य था। जोकि रहस्यमई तरीके से गायब हो गया था।  जिसके बारेमे किताबो में उल्लेख तो मिलते रहे पर कभी वो जियोग्राफिक लोकेशन नहीं मिल पा रहा था। पालेमबांग को इस राजवंश का स्वर्णदीप कहा जाता था जहां से अभी-अभी मछुआरों ने वहां से बहुमूल्य खजाना ढूंढ निकाला है।

इंडोनेशिया के मछुआरे सुमात्रा द्वीप के पास पिछले 5 वर्षों से पालेमबांग के पास मुसी नदी में इस साम्रज्य के एक खजाने की खोज कर रहे थे जो कि अब उन्हें मिल गया है। 700 साल पुराना यह खजाना जिसमें पुराने रत्न, सोने की अंगूठियां, मूर्तियां, सिक्के और बौद्ध भिक्षुओं की काँस्य की घंटियां भी मिली है। मुसी नदी खतरनाक मगरमच्छों से भरी पड़ी है लेकिन मछुआरों के साहस ने उनको आज की 700 साल पुराने खजाने तक पहुंचा ही दिया।

इस खजाने में आठवीं शताब्दी के गहनों से सजी भगवान बुद्ध की एक प्रतिमा मिली है जो कि एक व्यक्ति के कद की है, जिसकी कीमत लाखों में है। एक ब्रिटिश समुद्री पुरातत्वविद डॉक्टर सीन किंग्सले ने डेली मेल को बताया कि खोजकर्ताने श्री विजय राजवंश के खजाने के लिए थाईलैंड और भारत तक दूर दूर तक खोज की लेकिन कभी सफल नहीं हुए थे।अंत में उन्होंने श्री विजय साम्राज्य के प्रसिद्ध सोने के खजाने वाला द्वीप खोज लिया है। उनका मन्ना हैं की श्री विजय साम्रज्य का खोया हुआ स्वर्णदीप उन्होंने खोज लिया हैं।

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