पिछले कुछ सालो से भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान और चीन अपनी ताकत बढा रहे हे, गलवान मे चीन से हो रहे बॉर्डर विवादो के बाद मामला गंभीर हो गया था. जिसके बाद भारत ने अपनी आर्मी में भारी निवेश कर के कही अत्याधुनिक उपकरण खरीदे। भारत ने रूस से जहा S400 वही युरोप से राफेल प्लेन भी खरीदे हे. वायुसेना दिन प्रति दिन अपने आप को अत्याधुनिक बना रहा हे.
भारतीय वायुसेना ने विमान खरीदने के लिए मंजूरी दे दी हे. आने वाले कुछ सालो मे वायुसेना को 200 सामान ढो ने वाले विमान और लड़ाकू विमान मिल सकते हे. जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत काफी हद तक बढ जाएगी. खबरो की माने तो नए विमानों की खरिदारी चालू कर दी गई हे. सरकार चाह रही हे की ज्यादा से ज्यादा लड़ाकू विमानों का निर्माण देश में ही किया जाए। अगर ऐसा होता हे तो आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया की बडी जित मानी जाएगी।
खबरो की माने तो रक्षा मंत्रालय से 83 तेजस हल्के लडाकू विमानों की खरीद को पहले ही मंजूरी मिल चुकी हे। इन विमानों को खरीद ने के लिए 38 हजार करोड रुपये मंजूर कर दिए गए हे. कुछ समय पहले ही वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ने बताया था कि 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट की खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई हे. इन विमानों का निर्माण भी मेड इन इंडिया के तहत देश में ही किया जायेगा।
आज के हिसाब से वायुसेना के पास करीब 756 विमान यानी 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए, जिसमे कमी को देखते हुए नए विमान बनाने के लिए मंजूरी मिल रहे हे। माना जाता हे की भारत के पास 32 स्क्वाड्रन के करीब है. प्रत्येक स्क्वाड्रन में 18 लड़ाकू विमान होते हैं. आने वाले कुछ सालो मे भारतीय वायुसेना की ताकत बधाई जाएगी 2030 तक बहुत सरे विमानों की आपूर्ति की जाएगी. 2030 में भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे मजबूत वायुसेना मे से एक होगी।