बेटे को छोड कुत्ते को बनाया अपना वारिसदार, कुत्ता बन गया लाखो की संपत्ति का मालिक.

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हमारे देश मे संपत्ति बटवारे मे जगड़े आये दिन देखे जाते हे, या कहे तो यह एक आम बात हो गई हे. हमारे समाज मे कही बार देखा गया हे की जब तक जायदात का बटवारा नहीं होता तब तक बुजुर्गो की सेवा होती हे, और जैसे ही बटवारा हो जाये तो बुजुर्गो को वृद्धाश्रम के दरवाजे छोड दिया जाता हे, या फिर उनके साथ पहले जैसा व्यवहार नहीं किया जाता. इन्ही सब बातो से तंग आके एक किसान ने अपनी जायदात का वारसदार पालतू कुत्ते को बना दिया हे.

ऐसे किस्से हमें फिल्मो मे या टीवी जगत मे देखने को मिलते हे, पर यह किस्सा मध्यप्रदेश के छिंदवाडा का हे. एक बुजुर्ग किसान ने अपने संपत्ति को बेटे और बेटियों में बाटने के बदले अपने वफादार कुत्ते के नाम पर कर दी हे. बुजुर्ग किसान के इस हैरान करने वाले फैसले के पीछे बुजुर्ग का दर्द भी गहरा रहा होगा. उनका बेटा उनका ख्याल नहीं रख रहा था, साथ ही उनके साथ अपमान पुर्न व्यव्हार करता था. इतना ही नही बुजुर्ग के साथ मारपीट भी करता. इससे दुखी होकर बुजुर्ग ने तय किया की वह उनके बेटे को जायदात मे हिस्सा नहीं देंगे, उन्होंने अपनी आधी संपत्ति अपने कुत्ते के नाम पर कर दी वही आधी संपत्ति अपनी दूसरी पत्नी के नाम पर कर दिया.

खबरो की मने तो ओमप्रकाश जी ने २ शादिया की थी, पहेली शादी से ३ बेटिया और १ बेटा है, वही दूसरी शादी से उनको २ बेटिया हे. उनके बुढापे मे न उनको बेटे का साथ मिल रहा था नहीं किसी बेटी का. उसमे भी इस उम्र में मारपिट और रोजाना जगडो से वह तंग आ गए थे. उनके पास उनका पालतू कुत्ता था. जो उनके दुःख दर्द बाट ता था वह वफादार के साथ साथ उनका मन भी हल्का कर देता था. बुजुर्ग को अपने जाने के बाद इस कुते का क्या होगा यह डर सता रहा था.

इसी डर के चलते बुजुर्ग ने अपनी आधी संपत्ति सेवाभावी कुते के नाम कर दी और बाकि आधी संपत्ति उनकी दूसरी बीवी के नाम कर दी. उन्होंने अपनी वसीयत मे लिखवाया हे की, जो कुत्ते की सेवा करेगा, वह इस कुत्ते की आधी संपत्ति का वारिसदार बनेगा. बेटे का हत्याचार और कुत्ते के प्रति प्यार ने बुजुर्ग को यह फैसला लेने के लिए शायद मजबूर कर दिया होगा.

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