अफ़ग़ानिस्तान में आज की स्थिति भयानक बानी हुई हे, एक तरफ तालिबान हे तो एक तरफ आम अफगानी जो अपने हक़ के लिए लड़ रहे हे. आज अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओ और बचो का भूरा हाल हे मीडिया रिपोर्ट की माने तो वह की ग्राउंड रियलिटी बोहत ही भयानक हे. मगर आज जो हम आपको बताने वाले हे वह खबर आपको चौका देगी। अफ़ग़ानिस्तान कभी अखंड भारत का हिस्सा हुआ करता था। भारत के पराक्रमी राजा चन्द्रगुप्त मौर्य कभी अफ़ग़ानिस्तान पर राज किया करते थे. आज भी उनके मौजूदगी के निशा कोई मिटा नहीं पाया.
अफ़ग़ानिस्तान का हिस्सा कभी भारत और दुनिया के दुसरो हिस्सों के लिए एक वेपार मारग था. यहाँ पर सिंधु सभ्यता हुआ करती थी। अफ्घनिस्तान को सदियों पहले अस्वकन नाम से जाना जाता था. जिसे घोड़ेसवारो का विस्तार कहा जाता था। यह वेपार मार्ग होने की वजह से डाकू और लूंटफट करने वाले लोगो से भरा रहटा था. पहेली सदी से पहले अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान का हिस्सा कुशान साम्राज्य मे आता था, यानि की कुश का साम्राज्य। और कुशान साम्राज्य से ३०० साल पहले अफ़ग़ानिस्तान पे मौर्य साम्राज्य था.
सेल्यूकस ग्रीस से निकल के एक के बाद एक प्रदेश जीतते हुए अफ़ग़ानिस्तान तक ा पहुंचे थे जहा पे पुरु जैसे योध्यायो से उनका मुकाबला हुआ, ये मुकाबला इतना भयानक रहा की सेल्युलास जो पूरी दुनिया जीत्नने निकले थे, उनके हौसले पस्त हो गए। जब यह जंग के बारे में चन्द्रगुप्त मौर्य को पता चला तो वह कही सो हाथी और अपनी सेना लेके निकल पड़े। सेल्युलास ने जब बड़ी सेना और हाथी की पूरी फ़ौज देखि तो वह समज गए की यहाँ से भारत की तरफ अग्गे बढ़ना यानि मुहकी खाना। यह जंग बिना लडे ही एक कूटनीतिक रणनीति में बदल गई उन्होंने अपनी खानादानी लड़की की शादी मौर्य साम्राज्य मे करवा के अफ़ग़ानिस्तान को मौर्य साम्राज्य को सौप के वहा से चले गए। इस के बाद भारत और ग्रीस का रिस्ता मजबूत हो गया था जो सदियों तक चला.
चन्द्रगुप्त के बाद सम्राट अशोक ने अफ़ग़ानिस्तान में राज किया और वहा बौद्ध धर्म का प्रसार किया. आज भी वहां अशोक के समय में लिखे हुए लेख मिलते हे. इसके आलावा पहाड़ो में बड़ी बड़ी बौद्ध मुर्तिया मिलती हे। मौर्य साम्राज्य आने तक यहाँ पर कही जंग चलती रही मगर उसके बाद अफ़ग़ानिस्तान पूरी दुनिया में शांति का प्रतिक बन गया था, वह तक्षशिला से नजदीक होने से हमेशा मौर्या साम्राज्य के लिए एहम रहा था. करीब १००० साल तक यहाँ पे अमन और शांति थी। आज का अफ़ग़ानिस्तान देख के जहा आंख भर आती हे, जो जंग का मैदान बना पड़ा हे वह एक वक्त पर अमन का प्रतिक था.