उप्र, बिहार, राजस्तान से लेके कही राज्यों को करना पड सकता हे बिजली संकट का सामना. भारत में पिछले ५ सालो मे बिजली को लेके बोहत काम हुआ हे, भारत के आज कही राज्यों मे सुदूर विस्तार तक बिजली पोहच चुकी हे. आज भी भारत मे ७०% बिजली की जरूरियात कोयले से पूरी की जा रही हे. भारत धीरे धीरे ग्रीन एनर्जी की तरफ आगे बड रही हे मगर आज भी कोयला बिजली के लिए सबसे ज्यादा उपयोग मे लिया जाता हे. भारत में कोयले की कीमते पिछले कुछ महीनो से काफी तेजी से बडी हे.
महामारी मे फॅक्टरी यूनिट और डिमांड कम होने से कोयले की मांग मे कमी आयी थी. आज जब महामारी से रहत मिली हे, मार्केट मे तेजी आई हे, मांग बढ रही हे तो साथ ही कोयले की मांग में भी भरी इजाफा हुआ हे. कुछ दिनों पहले हमने देखा था की चीन मे कोयले की कमी की वजह से कही फैक्टरी का काम रुक गया था. गारो मे भी बिजली की अछत आ गई थी. आज कुछ ऐसी ही हालत की तरफ भारत भी आगे बड रहा हे. अपने शायद पिछले कुछ दिनों से बिजली की कटौती महसूस की होगी, तो जानिए इसके पीछे की बडी वजह ये हो सकती हे!
भारत मे मौजूद 130 कोयले से चलने वाले बिजली यूनिट मे से आधे से अधिक यूनीट के पास तीन दिनों का ईंधन भंडार बचा हुआ हे. कोयले की एका एक मांग बढ़ने से साथ ही बारिश देरी से होने से कही कोयला खदानों मे पानी भर जाने की वजह से कोयला निकलना मुश्किल होता जा रहा हे. कोयले की कमी के चलते उन यूनिट्स को सबसे पहले कोयला मुहैया करवाया जा रहा हे जिनका उधार कम हे या पैसा समय पे दे दिया गया हे.
राजेस्तान, उत्तरप्रदेश जैसे कही राज्यों मे बिजली कटौती देखि गई, कोयले की कमी को देखते हुए लग रहा हे अगर समय रहते योग्य कदम न उठाये गए तो आने वाले कुछ दिनों मे यह मामला और गंभीर हो सकता हे. बिजली संकट दूर करने के लिए पावर कॉरपोरेशन को एक्सचेंज एनर्जि से 12 से 18 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीदी जा रही हे। बिजली की यह कीमते बोहत अधिक मणि जा रही हे जिससे बिजली की कीमतो मे भरी इजाफा हो सकता हे. यह पोस्ट हमने अलग अलग माध्यम से माहिती एकत्रित करके आप के समक्ष रखी हे!