पुलिस की नौकरी छोड़ के शरू की आलू की खेती, अब यह किसान कमा रहा हे करोडो मे

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पार्थिवजी के पिता किसानी करते थे, पार्थिव जी को बचपन से ही पुलिस ऑफिसर बन ने का स्वप्न था. उन्होंने कड़ी महेनत कर के पुलिस की नौकरी हासिल की. पार्थिवजी गुजरात के बनासकांठा के रहने वाले हे. बनासकांठा पुरे देश में अल्लू की खेती के लिए जाना जाता हे. पार्थिव के पिता किसान होने की वजह से उनको भी किसानी में रूचि रखते थे. नौकरी साथ वह अपने पिता को खेती मे भी मदद करते थे.

उनके पिता का देहांत होते ही वह फार्मिंग में अचे से ध्यान नहीं दे प् रहे थे. नौकरी के साथ साथ खेती करना मुश्किल हो रहा था. अब पार्थिव को नौकरी या खेती में से कोई एक विकल्प चुनना था. अगर वह नौकरी करते तो खेत की देखभाल सही से नहीं हो पाती और उनके पास अछी खासी जमीन थी. इसी के डर से उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ के फुल टाइम किसानी करने की सोचा. २, ४ सालो तक उन्होने पारम्परिक खेती की मगर उनको कुछ ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई. उन्होंने आसपास के कामियाब किसानो से मिलना शरू किया और उनसे सीखना शरू किया.

तब तक कही विदेशी कम्पनी उनके विस्तार में आलू की खेती को बढ़ावा दे रहे थे. उनन्होंने विदेशी कंपनी के लिए अल्लू लगाना शरू किआ. कॉन्ट्रैक्ट माध्यम से उन्होंने खेती शरू की. पहले साल ही उन्होंने ४० लाख के आलू पैदा किये. उन्होंने बताया की आलू की खेती चालू करने से पहले उन्होंने मिटटी की जाँच करवाई और उसके बाद विशेषग्न्यो के सुझाव के बाद उसी मात्रा में खाद और दवाई का इस्तेमाल किया गया जिससे पैदावार दुगनी हो गई.

उनके पास ८० एकर जमीन हे, आलू की खेती करने में ४ महीने लकगते हे. बाकि के ८ महीने में १ से २ उपज और ली जा सकती हे. पिछले साल उन्होंने आलू की खेती करके ८० लाख कमाए. आलू के बाद उन्होंने खरबूजा और तरबूच की खेती करके और ४० लाख रुपये कमाए. उनका कहना हे की आलू की खेती में उनको ३० लाख का खर्च हुआ और ८० लाख की उपज मिली. पार्थिव भाई को मिली सफलता देख आसपास के किसान भी उनके साथ जुडे आज वह दूसरे किसानो को मार्गदर्शन देते हे. एक हैक्टर में सब से ज्यादा आलू उगाने का रिकॉर्ड भी पार्थिव भाई के पास ही हे.

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