मुफ्त बिजली के साथ यह किसान कमा रहा हे लाखो रुपये, आप भी अपना सकते हे यह योजना का लाभ 

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भारत के कही गांव आज भी बिजली से अछूते हे, या कहे तो बिजली कटौती का सामना कर रहे हे. सुदूर विस्तारो में बिजली मुश्किल से ८ से १२ घंटे तक रहती हे. लोग बिजली पाने के लिए अलग अलग रस्ते ढूढ़ते रहते हे फिर वो सोलर हो, या टरबाइन हो,  मोमबत्ती, लालटेन जैसी सामग्री को उपयोग क रके अपनी जिनगी जीते हे.

राजस्थान के भालोजी गांव में देवकर यादव जो की किसानी काम करते हे. बिजली समय पे न मिलने से वह परेशान थे, वही बिजली इन दिनों काफी महगी हो गई थी. उनके पास पानी होने के बावजूत समय पर पानी नही दे पा रहे थे. इसके चलते उन्होंने सोलर प्लांट लगाने का तय किया. उन्होंने अपने बेटे और अन्य लोगो से मदद लेके उन्होंने सोलर प्लांट लगाने का फैसला किया. उन्होंने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानि कुसुम योजना की सहाय ली.

किसान का बेटा डॉक्टर था और वह सोलर का महत्व बखूबी जनता था, सुर इसी के तहत उन्होंने १ MW का प्लांट लगाने का तय किया. यादव जी को राजस्थान रिन्युएबल एनर्जी कॉर्पोरेट लिमिटेड की तरफ से 25 साल का कॉन्ट्रैक्ट भी मिला. यह प्रोजेक्ट लगाने के लिए ३.५ करोड का खर्च आ रहा था. यादवजी के रिटायरन्मेंट के ७० लाख रुपये और बाकि की रकम उन्होंने परिवार जानो से और अपनी जमींन और प्रॉपर्टी गिरवी रख के इकठ्ठा कीये.

सोलर प्लांट इंस्टालेशन तो ख़तम हो गया, मगर  उनको पता नहीं चल रहा था की बिजली कहा पर बेचनी हे, सरकारी ऑफिस के चक्कर लगाए पर समस्या का कोई हल नहीं मिल रहा था. इतनी बड़ी रकम लगाने के बाद वह चिंतित थे. उन्होंने पीएमओ में इसकी शिकायत की और कुछ ही वक्त में उनको नोडल ऑफिसर मिला और समस्या का निवारण हुआ.

१ MW के प्रोजेक्ट से वह १६ लाख यूनिट बना सकते हे, जिसे बेच के सालाना ४० से ५० लाख कमाए जा सकते हे. किसान ने बताया की इसमें रिस्क बोहत ज्यादा हे मगर सबकुछ सही रहे तो ६, ७ साल में ही आपके पैसे आपको वापस मिल सकते हे, इसके तहत आप हर महीने ४ लाख रुपये कमा सकते हे साथ ही पर्यावरण के लिए मददरूप भी हो सकते हे.

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