8 मई को पूरी दुनिया मधर्स डे मनाती है. हमने अपने अपने फोन और सोशियल मिडिया पर अपनी माँ के साथ फोटो शेयर करी होगी और लोगो की फोटो कोभी देखा होगा. लेकिन माँ का प्यार केवल फोटो तक सिमित नहीं रहता है. भले सारी दुनिया आपके खिलाफ क्यों न हो जाए पर आपकी माँ आपका हर हालमे साथ देती है. आज हम आपको एक असी ही किस्सा सुनाने जा रहे है जिसने फिरसे माँ के प्रेम को शिखर पर काबिल रखा है.
हम बात कर रहे है गुजरात के राजकोट जिल्ले के रोधिका गाव में रहने वाली दीवालीबेन पानसुरिया की. उन्होंने फिर से साबित कर दिखाया है की माँ के प्यार के आगे और कोई नहीं होता है. उन्होंने अपने बेटे कल्पेश को एक बार नहीं बल्कि दो बार जन्म दिया है. जिहा आप सही सुन रहे है. पहली बार उन्होंने 42 साल पहले दिया था और अब उन्होंने 3 साल पहले अपनी एक किडनी आने बेटे को देकर किया है.
बेटा कल्पेश, एक बार खेत में काम कर रहा था और अचानक से पेट में दर्द शुरू हो गया. उसने नजदीकी अस्पताल में दिखाया. वहा डॉक्टर ने उसे रिपोर्ट करवाए और कहा की किडनी की तकलीफ है. बाद में परिवार ने कल्पेश को राजकोट के किडनी अस्पताल में भेजा वहा पर डॉक्टर ने बताया की कल्पेश की दोनों किडनी ख़राब हो गई है. यह सुन परिवार के सभी लोगो के पेरो निचे जमीन खिसक गई थी.
कल्पेश की चार बहने है, उन सभी ने कल्पेश को किडनी देने से इनकार कर दिया था. लेकिन माँ तो माँ होती है. कल्पेश की माँ दीवालीबेन ने 62 साल की उम्र होने के बावजूद, अपनी जन जोखिम में दाल कर अपनी एक किडनी कल्पेश को देने का फैसला किया. बाद में डॉक्टर ने ओपरेशन किया और किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा. अब 3 साल बाद दोनों स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है.