जैसा की हम जानते हैं की भारत मैं नोट छापने और जारी करने का अधिकार RBI के पास हैं। क्या आपको पता हैं की इन नोट्स को छापना RBI ने कब छापना शुरू किया था ? और इसका खर्च कितना आता हैं ? हम आपको बतादे की नोट्स छापने के लिए RBI को पैसे और सोना रिज़र्व रखने पड़ते हैं। जिसमे 115 करोड़ रुपये कॅश और 85 करोड़ की फॉरेन कर्रेंसी रिज़र्व के तौर पे रखना जरुरी हैं।
2016 में नोटबंधी के बाद सभी नोट्स बांध हो गए और उसीके साथ नए नोट्स ला दिए गए। वही 1000 रुपये के नोट्स बंध कर दिए गए थे। आपको बतादे की RBI की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी। 1938 में जनवरी महीने में RBI ने पहली बार 5 रुपये का करेंसी नोट जारी किया था। इस नोट पर किंग जॉर्ज 5 की तस्वीर प्रिंट हुई थी। मतलब आजादी से 9 साल पहले रिजर्व बैंक ने अपनी पहली करेंसी जारी की थी, आपको जानके हैरानी होगी की आजादी के कुछ सालो तक पाकिस्तान की करंसी भारत मे छपती थी. उस वक़्त 10 रुपये के नोट, 100 रुपये के नोट, 1,000 रुपये और 10,000 रुपये के करेंसी नोट जारी किए थे।
आपको बतादे की हर नोट छापने में अलग अलग खर्च आता हैं। इसके लिए विशेष तरह के पेपर और शाही का उपयोग किआ जाता हे.
2000 रुपये का नोट जो की देश का सबसे बड़ा कर्रंसी नोट हैं उसे छपने में 3.54 रुपये प्रति नोट खर्च आता हैं। इस पर मंगलयान की तस्वीर छपी है.
500 रुपये के नोट को छापने में 2.94 रुपये प्रति नोट खर्च आता हैं। इस नोट पर लाल किला की तस्वीर छपी होती है\
200 रुपये के नोट पर सांची का स्तूप की तस्वीर छपी होती है। इसे बनाने में RBI को 2.93 रुपये प्रति नोट खर्च करने पडते हैं।
इसके आलावा जो 1000 नोट छापता था जो की 2016 से बंद हो गया।