देश में अभी बहुत सारी जगहों पे लोग नेताओ का काम देख कर वोट देते ही। पहले ऐसा नहीं था पहले लोग पार्टी को देख कर ही वोट देते थे। लेकिन वक्त के साथ साथ चीजे बदलना शुरू हो गई है। कुछ सालो पहले उसी व्यक्ति को टिकिट मिलती थी जिसके पास चुनाव में खर्च करना का पैसा हो लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। अभी राजकीय पार्टिया भी उमीदवार देखकर उसे टिकिट देने लगे है। जी ,है बिहार में से एक ऐसा किस्सा सामने आया है जहा पे दिहाड़ी मजूदरी करने वाली महिला पंचायती चुनाव जीत गई है।
दरसल बिहार में पंचायती चुनाव का दूसरा चरण चल रहा है। बिहार के लोगो ने इस लोकशाही के पर्व में पंचायती चुनाव के पहले चरण में ज्यादातर नए उमेदवारो को ही ज्यादा वोट देके जिताया है। बहुत सारी जगहों पे पिछले टर्म के उमेदवार को रिपीट नहीं किया गया है। अब आप यही किस्सा ले लीजिये जहा एक दिहाड़ी मजदूरी करने वाली महिला ने पांच पांच प्रत्याशियो को हराकर चुनाव जीता है।
बिहार के जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड के सहोड़ा पंचायत में जनता ने ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने वाली एक मनरेगा महिला मजदूर को वहां का मुखिया बनाया है. जी हां, दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने वाली रेखा देवी अब मुखिया बन गई हैं. मजदूर से मुखिया बनीं रेखा देवी का कहना है कि वह गांव और पंचायत के विकास के लिए काम करेंगी।
आपको बतादे के चुनाव में रेखा देवी को चुनाव में टोटल 1612 वोट मिले हैं इतना ही नहीं उन्होंने 5 प्रत्याशियों को हराकर 437 वोट से चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की हैं। स्थानिक लोगोने बताया के रेखा देवी देवी ईंट भट्ठा या फिर मनरेगा मजदूर के रूप में काम करती हैं। पंचायत के लोगों ने उन्हें अपना समर्थन देकर आर्थिक रूप से मदद कर चुनाव मैदान में उतारा था। जिसके बाद बदलते बिहार में एक मजदूर को भी मुखिया बनने का अवसर मिला है .